गोंडा – घाघरा नदी के खतरे के निशान से 70 – 75 सेमीमीटर ऊपर बहने के चलते दो तहसील क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात है और जँहा पर बाढ़ की विनाशलीला देखने को मिल रही है। क्षेत्र के 2 दर्जन से अधिक गांव की लगभग 80 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है …. जँहा कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नकाहरा गांव में आधा दर्जन मजरे सरयू नदी के बाढ़ से डूब चुकी हैं वंही तरबगंज तहसील क्षेत्र में बीते दिनों भिखारीपुर सकरौर तटबंध के कटने के बाद कई घर नदी की कटान में आ चुके हैं जिसके चलते लोग प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को विस्थापित कर ऊंचे स्थान पर पहुंचा कर राशन किट सहित अन्य जरूरी सामान मुहैया कराने का दावा कर रही है लेकिन बाढ़ में फंसे लोगों तक सही ढंग से राहत किट लोगों तक नहीं पहुंच रही है, और धरातल पर प्रशासन के सारे दावे फेल नज़र आ रहे हैं।
तरबगंज तहसील क्षेत्र में नदी किनारे बसे नवाबगंज क्षेत्र का पूरा तराई इलाका घाघरा व सरयू नदी उफान के चपेट में आ गया है जिससे लगभग एक दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह जलमग्न है और यहां की लगभग 3 हज़ार से अधिक की आबादी इस बाढ़ की विनाशलीला से प्रभावित है और किसानों के खेतों में लगी धान और गन्ने की फसल डूब चुकी है …. नवाबगंज इलाके में अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी इंतजाम नहीं किए गये है। लोगों का कहना है कि कई दिनों से यंहा बाढ़ जैसे हालात हैं …. गांव के गांव पूरी तरह से जलमग्न हैं किसी तरीके से लोग गुजर – बसर कर रहे हैं और खाने को ना रहने को। इसी क्षेत्र के दत्तनगर व तुलसीपुर मांझा के लोग अपनी खुद की नाव से अपने घरों के लिए जरूरत का सामान और मवेशियों के लिए चारे नाव पर लाद कर ले जाते हैं …. गांव को जाने वाली रोड पर लोग अब नाव चला रहे हैं …. छोटे – छोटे बच्चे और उनका परिवार इसी नाव के सहारे अब आवागमन करने को मजबूर है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने घर को छोड़कर रोड पर ट्रैक्टर ट्राली के नीचे परिवार को लेकर किसी तरीके से गुजर बसर कर रहे हैं …. अब ऐसे में सवाल उठता है कि शासन द्वारा जो मदद भेजी जा रही है अगर इन बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल पा रही है तो यह सिर्फ कागजों पर है य फिर कँहा ना रही।
बाढ़ की इस विनाशलीला के चलते जहाँ ग्रामीण परेशान हैं तो वंही थाना नवाबगंजक्षेत्र में लगभग 1 साल पहले बनी ढेमवाघाट पुलिस चौकी भी नदी कटान के जद में है. यंहा के चौकी इंचार्ज सोम प्रताप सिंह भी नदी के कटान के चलते दहशत में जी रहे हैं। बीते 15 दिनो से रुक रुक कर हो रही कटान के चलते चौकी परिसर में बने स्नान घर व शौचालय धरासायी हो गए है और कटान को रोकने के लिए चौकी इंचार्ज अन्य ग्रामीणों की मदद से बांस का पेड़ व अन्य संसाधन लगवाकर कर कटान को रोकने में जुटे है।