
सुल्तानपुर। विनीत गुप्ता: जिले के पुलिस अधीक्षक जहाँ कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर शासन के निर्देशों का पालन कराने को रात-दिन एक किये है। वहीं श्रम विभाग से जुड़े कई एनजीओ गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए गाँवों-कस्बों में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन कैम्प लगाकर उसकी धज्जियाँ उड़ा रहे है। वहीं जिलाधिकारी व अन्य राजस्व अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

मालूम हो कि दो दिन पूर्व निर्मला महिला बाल विकास एंव श्रमिक कल्याण समिति सुलतानपुर द्वारा मोतिगरपुर कस्बे में कोविड-19 की गाइडलाइन की जमकर उड़ाई जा रही धज्जियाँ उड़ाई गई। श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर हजारों की भीड़ जमा की गई। संस्था के कर्मचारियों तक ने नहीं लगाए मास्क और न ही सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था दिखी थी। वहीं शुक्रवार को ग्राम पंचायत खैरहा के प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में जनहित कल्याण सेवा संस्थान द्वारा श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के लिए कैम्प लगाया गया। कैम्प में रजिस्ट्रेशन के नाम पर उमड़ी सैकड़ो की भीड़ में एक-दो को छोड़कर कोई भी मास्क लगा नहीं दिखा।

सोशल डिस्टेंसिंग तो तार-2 दिखी। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जिले के कप्तान जहाँ बिना मास्क के चलने वालों के खिलाफ जुर्माना कर रहे है और लोगों को 10 घंटे की हवालात भेज रहे है। तब उन्हें या डीएम को जिले के अंदर चल रहे ऐसे एनजीओ की जानकारी क्यों नहीं हो पा रही है? क्या जिले का सूचना तंत्र फेल हो चुका है? जिस वजह से बड़ी संख्या में कैम्पों में उमड़ रही भी की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं हो पा रही है।