सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल 5 लोगों के साथ मुहर्रम का जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी है. शीर्ष अदालत ने सोमवार को मुहर्रम का सार्वजनिक जुलूस निकालने के लिए अनुमति लेने की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें महामारी की स्थिति के मद्देनज़र सिर्फ 5 लोगों के साथ मुहर्रम का सार्वजनिक जुलूस निकालने पर प्रकाश डाला गया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि मुहर्रम जुलूस पूरे देश में जगह-जगह निकलेगा, इसलिए हर राज्य सरकार की मंज़ूरी या उनका पक्ष सुनना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि वो अपनी याचिका में 28 राज्य की सरकारों को भी वादी बनाएं, जिसके बाद सुनवाई होगी.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील वासी हैदर से कहा कि वह अपनी याचिका में 28 राज्यों को पार्टी बनाएं और केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग करें. जिसमें जुलूस को केवल एक सीमित क्षमता में होने दिया जाए यानी केवल 5 लोग जुलूस में शामिल रहें. बेंच ने कहा, ‘जैसा कि प्रार्थना की गई, याचिकाकर्ता को याचिका में 28 राज्यों को उत्तरदाता पक्षकार के रूप में पेश करने की अनुमति है. लेकिन कोरोना हर साल नहीं आता. लिहाजा सभी पक्षों को सुनना जरूरी है.’