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गोंडा। शिवा नंद मिश्रा: खबर गोंडा से है जहां सरकारी स्कूल के एक शिक्षक ने पहल करते हुए ग्रामीणों की सहायता से सोतिया नाले पर लकड़ी के पुल का निर्माण करा दिया। इस नाले पर पुल न होने की वजह से बच्चों को गहरे नाले मे उतरकर स्कूल जाना पड़ता था लेकिन सब इस पर लकड़ी का पुल बन जाने के बाद इस समस्या का समाधान हो गया है। शिक्षक के इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है।
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गोंडा जिले के बेलसर ब्लाक के सेमरीकला गांव में बना यह सरकारी कंपोजिट स्कूल है। इस स्कूल के सामने ही सोतिया नाला है जिसमे हरवक्त पानी भरा रहता है। जिम्मेदारों ने यहां स्कूल तो बना दिया लेकिन इस नाले पर पुल बनाना भूल गए। पुल न होने से यहां रहने वाले करीब 200 बच्चों को अपनी जान जोखिम मे डालकर स्कूल जाना पड़ता है।
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इस स्कूल के बच्चे पिछले 10 वर्ष से यह त्रासदी झेल रहे थे। स्कूल के शिक्षकों ने कई बार विभागीय अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से शिकायत की और पुल निर्माण की मांग उठाई लेकिन किसी ने भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। सिस्टम से आहत कंपोजिट स्कूल के प्रधानाध्यापक संतकुमार त्रिपाठी, सहायक अध्यापक आशुतोष व नरेंद्र मिश्रा से इस सर चर्चा की और अस्थायी पुल निर्माण की योजना तैयार की।
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स्कूल के शिक्षक नरेंद्र मिश्रा बताते हैं कि इस पहल को साकार करने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष यदुनाथ व अन्य सदस्यों से बात की गई। सभी ने लकड़ी की पुल बनाने पर सहमति जताई। नरेंद्र मिश्रा ने खुद आगे बढकर अपने घर पर लगे दो पेंड़ कटवाकर स्कूल को डोनेट किया। इसी तरह अन्य सदस्यों ने भी एक एक पेंड अपने पास से दिया। इस सभी से मिली लकड़ी के जरिए सभी ने शारीरिक श्रम करते हुए नाले के ऊपर अस्थायी पुल बनाकर खड़ा कर दिया। अब इस पुल के बन जाने से बच्चे आसानी से विद्यालय पहुंच सकेंगे।
शिक्षक दिवस पर मिले इस उपहार स्वरूप स्कूल के बच्चे काफी प्रसन्न हैं। बच्चों का कहना है कि पहले उन्हे नाले मे उतरकर स्कूल आना पड़ता था। पानी होने के कारण जूते उतारने पड़ते थे। इब लकड़ी की पुल बन गया है। अब स्कूल जाने में आसानी होगी।
वहीं इस विषय पर जिले के सीडीओ शशांक त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जलभराव ले कारण स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करने के बाद शिक्षकों व ग्रामीणों द्वारा लकड़ी का पल बनाए जाने के इस पहल और कार्य की सराहना करते हुए इस प्रयास को प्राधनमंत्री के आत्मनिर्भर अभियान से जोड़ते हुए कहा कि स्थानीय लोग पानी समस्याओं का निपटारा करने ला प्रयास किए जो कि गोण्डा जनपाद के लिए एक अच्छा उदाहरण के तौर पर है।