प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात 2.0 के 15 वीं कड़ी में देश से मन की बात की. इस दौरान पीएम ने देश को एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया. पीएम ने खिलौना इंडस्ट्री से आह्वान किया की वे आगे आएं और देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका अदा करें. इस बात पर पीएम ने खुद एक ट्वीट कर जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि लोग उन्हें 11 बजे से सुन सकते हैं. पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और नरेन्द्र मोदी मोबाइल ऐप पर किया गया. इस बात की जानकारी पीएम मोदी ने स्वयं ट्वीट करके दी. मन की बात कार्यक्रम अपने मोबाइल पर सुनने के लिए आप 1922 पर मिस्ड कॉल भी दे सकते हैं.
मन की बात – Highlights
- प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि Global Toy Industry, 7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन, भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. अब आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी कितनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा. Toy Industry बहुत व्यापक है. गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हो, MSMES हों, इसके साथ-साथ बड़े उद्योग और निजी उद्यमी भी इसके दायरे में आते हैं. इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कंप्यूटर और स्मार्टफोन के इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत trend है. ये गेम्स बच्चे भी खेलते हैं, बड़े भी खेलते हैं. लेकिन, इनमें भी जितने गेम्स होते हैं, उनकी themes भी अधिकतर बाहर की ही होती हैं. हमारे देश में इतने ideas हैं, इतने concepts हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है. क्या हम उन पर games बना सकते हैं ? में देश के युवा talent से कहता हूँ, आप, भारत में भी games बनाइये, और, भारत के भी games बनाइये. कहा भी जाता है Let the games begin! तो चलो, खेल शुरू करते हैं !
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई जानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है. इस महीने की शुरुआत में, देश के युवाओं के सामने, एक app innovation challenge रखा गया. इस आत्मनिर्भर भारत app innovation challenge में हमारे युवाओं ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया. करीब, 7 हजार entries आई, उसमें भी, करीब-करीब दो तिहाई apps tier two और tier three शहरों के युवाओं ने बनाए हैं. ये आत्मनिर्भर भारत के लिए, देश के भविष्य के लिए, बहुत ही शुभ संकेत है.
- मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहाँ के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका Nutrition की भी होती है, पोषण की भी होती है. पूरे देश में 4. सितम्बर महीने को पोषण माह Nutrition Month रूप में मनाया जाएगा. Nation और Nutrition का बहुत गहरा सम्बन्ध होता है. हमारे यहाँ एक कहावत है. “यथा अन्नम तथा मन” यानी, जैसा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मानसिक और बौद्धिक विकास भी होता है.
- Nutrition के इस आंदोलन में People Participation भी बहुत जरुरी है. जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है. पिछले कुछ वर्षों में, इस दिशा में, देश में, काफी प्रयास किए गये हैं. खासकर हमारे गाँवों में इसे जनभागीदारी से जन-आन्दोलन बनाया जा रहा है. पोषण सप्ताह हो, पोषण माह हो, इनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा की जा रही है. स्कूलों को जोड़ा गया है. बच्चों के लिये प्रतियोगिताएं हों, उनमें Awareness बढ़े, इसके लिये भी लगातार प्रयास जारी हैं. जैसे Class में एक Class Monitor होता है, उसी तरह Nutrition Monitor भी हो, report card की तरह Nutrition Card भी बने, इस तरह की भी शुरूआत की जा रही है.
- पीएम ने कहा कि कई Business Apps हैं, games के App है, जैसे ‘Is EqualTo’, Books & Expense, Zoho (जोहो) Workplace, FTC Talent. आप इनके बारे में net पर search करिए, आपको बहुत जानकारी मिलेगी. आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे. आप ये मत भूलिये कि आज जो दुनिया में बहुत बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ नज़र आती हैं ना, ये भी, कभी, startup हुआ करती थी.
- इसी तरह, चिंगारीऐप भी युवाओं में लोकप्रिय हो रहा है. एक ऐप AskSarkar है. इसमें आप एक चैटबॉट के माध्यम से बातचीत कर सकते हैं और किसी भी सरकार की योजना के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं – वह भी सभी 3 तरीकों से -टेक्स्ट आडियो और वीडियो.
बीते महीने पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों से कोरोना वायरस से एकजुटता से लड़ने का आह्वान किया था. वहीं उन्होंने इस लड़ाई में लोगों के एक साथ मिलकर लड़ने की तारीफ भी की थी. प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है. इन सबके बावजूद पीएम मोदी ने देशवासियों को सचेत करते हुए कहा कि देश में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए अधिक सर्तक रहने की जरूरत है.