अमेठी। राजीव ओझा: आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है।भारत देश के लिए आज गौरव का दिन है। आज ही के दिन पाकिस्तान से भारत के वीरों ने कारगिल में युद्ध लड़ा जहां पाकिस्तान से कारगिल के ऊंचे पहाड़ों पर बैठे दुश्मनों से भारतीय वीर सैनिकों ने युद्ध लड़ा और विजय का झंडा फहराया।
वहीं कारगिल की लड़ाई में कई सैनिक शहीद हुए। इसी कड़ी में अमेठी जनपद के मुसाफिरखाना के ग्राम दादरा के वीरेंद्र सिंह 1998 में फौज में भर्ती हुए थे और 7 अक्टूबर 2000 सन में कारगिल में युद्ध लड़ते हुए शहीद हो गए। जहां परिवार के सदस्यों व शहीद के भाई रणवीर सिंह ने बताया की परिवार के वीरेंद्र सिंह कारगिल में शहीद हुए थे वहीं भाई के सेना में भर्ती व कारगिल युद्ध के विषय मे तब के हालात पर बात करते हुए बताया कि जब कारगिल का युद्ध हो रहा था। भाई ड्यूटी पर तैनात था। जहां संचार माध्यम ज्यादा मुहैया नहीं थे इसलिए उस समय थोड़ी बहुत सूचनाएं प्राप्त हो रही थी और हम सभी की नजरें अपने भाई को ही हर खबर में ढूंढ रही थी।
हम सब चाहते थे कि युद्व फतेह करके मेरा भाई वापस घर आए पर देश के लिए वह लड़ते हुए शहीद हो गया। उसकी शहादत से हम अपने आप को बहुत गौरवान्वित महसूस करते हैं। वही क्षेत्र के कस्बा मुसाफिरखाना में शहीद हुए हमारे भाई के नाम से गेट बनवाया गया है। पर तत्कालीन प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया था की शहीद के नाम से सड़क गेट अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी लेकिन कोई बड़ी सुविधाएं नहीं मिल पाई।
वही तत्कालीन सरकार की सांसद मंत्री द्वारा गेट का निर्माण कराया गया है लेकिन उस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा जिसकी हालत खराब है।और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ हमारे गांव की सड़क काफी समय से खराब है जिस पर प्रशासन से चाहते हैं कि कम से कम हमारे गांव में आवागमन का मार्ग दुरुस्त कराया जाए और हमारे गांव पर ध्यान दिया जाए।