रायबरेली। असद खान: यूपी के रायबरेली जिले की पुलिस के नकारेपन ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। न्याय के लिए बने थाने अब सिर्फ नाम के बचे है वंहा पर गरीब की कोई सुनने वाला नही। शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला उस समय देखने को मिला जब जुलाई में पीड़िता व उसके परिवार के साथ मारपीट करने वाले दबंगो की सुनवाई एक पखवाड़ा बीत जाने पर भी नही हुई तो आज वो अपने पति देवर व पुत्र के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर न्याय न मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग करने के लिए पहुच गई। मामले को तूल पकड़ते देख सिटी मजिस्ट्रेट ने पीड़िता का ज्ञापन तो ले लिया लेकिन मीडिया के सवालों का जवाब देने की हिम्मत नही जुटा पाए
दरअसल जिले के ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के प्रताप का पुरवा मजरे मिर्जापुर ऐहारी गांव निवासी शिवकली का पुत्र दीपू 31 जुलाई को अपने मवेशियों को लेकर गांव से बाहर जा रहा था। रास्ते मे गांव के ही दिलीप, नन्हे, अनिल व विनोद अपने साथियों के साथ खड़े थे। उसने उन्हें रास्ते से हटने को कहा तो वो गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर मारपीट शुरू कर दी।दीपू को बचाने आये उसके पिता,चाचा व मां को भी पीट दिया और ग्रामीणों को आता देख उन्हें धमकाते हुए वंहा से चलते बने। पीड़िता ने मामले की शिकायत थाने में कई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। जिला मुख्यालय के भी कई चक्कर लगाए लेकिन किसी ने भी इनकी नही सुनी।
थकहार कर आज ये अपने गले मे तख्ती लटका कर जिलाधिकारी कार्यालय पहुचे जिसपर लिखा था या तो हमे न्याय दो या इच्छामृत्यु की अनुमति। मामले को तूल पकड़ते देख सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह मौके पर पहुचे और उनकी शिकायत सुनी और जांच की बात भी कही। लेकिन जब मीडिया ने उनसे सवाल करना चाहा तो वो कैमरे पर कुछ कहने से बचते दिखे।