उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश पुलिस ही नहीं, देश के सभी राज्यों की वर्दी सत्ता धारी दल की डुगडुगी बजाने के लिए दशकों से मशहूर रही है। लेकिन यूपी पुलिस इन दिनों इससे कुछ अलग करने के लिए चर्चा में है। इस बीच यूपी पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि वह इन दिनों सत्ताधारी दल के विधायकों और सांसदों की भी नहीं सुन रही है। यह पीड़ा किसी एक विधायक की नहीं है। ज्यादातर विधायक इस पीड़ा से दो-चार हैं। ताजा मामला शाहजहांपुर की तिलहर विधान सभा के भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा का है।
दरअसल निगोही थाना क्षेत्र अंतर्गत गॉव मोहरकला निवासी अशोक, मनोज व सत्यवीर को निगोही थाने की पुलिस 21 जुलाई को रात करीब 1 बजे घर से उठा लायी। आरोप था मोबाइल चोरी का पूछताछ पर इन्होंने बताया कि इन्होंने कोई मोबाइल नही चुराया इतना सुनकर हल्का के दरोगा जी व थाना अध्यक्ष आग बबूला हो गए और कहने लगे तेरे पास जो मोबाइल है वो चोरी का है। लेकिन जब इन लोगो ने अपने मोबाइल की रसीद दिखा दी फिर क्या शुरू हुआ पुलिसिया तांडव और पुलिस ने तीनों को नंगा करके जी भर के मारा और मोबाइल चोरी कबूलने का दबाब बनाने लगे।
जब पुलिस के इस कृत्य की खबर परिजनों को लगी तो परिजनों ने विधायक जी से पूरी बात बताई विधायक जी के काफी जद्दो जहद के बाद निगोही थाने की पुलिस ने तीनों निर्दोषों को छोड़ दिया। आज विधायक ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर जमकर हंगामा काटा। विधायक का हाई बोल्टेज ड्रामा देखकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भीड़ एकत्र हो गया। विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्य मंत्री के आदेश पर निर्दोषों को जेल भेजा जा रहा है। ऐसा पुलिस ने खुद विधायक जी से कहा फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार ने करीब एक घंटे विधायक से गोपनीय बात की उसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार ने आश्वासन दिया कि दोषी पुलिस कर्मियों पर जांच उपरान्त कार्यवाही करेंगे।