बरेली। सोनू अंसारी। 40 फुट की ऊंचाई से जिस बेजुबान कबूतर को उतारने के लिए ख़ाकी ने कड़ी मशक्कत की थी उतनी ही तेजी से इज्जतनगर पुलिस समझौता एक्सप्रेस शुरु करती है
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बरेली महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से लेकर शासन-प्रशासन काफी गंभीर है लेकिन इज्जतनगर पुलिस महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही यहां पर कार्यवाही के नाम पर समझौता एक्सप्रेस चलाया जाता है और समझौता एक्सप्रेस ऐसा जिसे सोचने पर आप खुद मजबूर हो जाएगा थाना इज्जत नगर के एक इलाके की रहने वाली एक युवती ने पास के ही युवक पर छेड़खानी सहित काफी गंभीर आरोप लगाए लेकिन 24 घंट सभी अधिक का समय होने के बाद भी इज्जतनगर पुलिस ना तो जांच कर पाई और ना ही पीड़ित की तरफ से एफ आई आर
आरोप है कि उसकी शिकायत को इज्जतनगर पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया लेकिन इज्जत नगर पुलिस ने कार्यवाही नही की पुलिस आरोपी से मिल गई और आरोपी पक्ष मिलकर एक झूठा प्रार्थना पत्र पीड़ित के खिलाफ दिलवा दिया गया दोनों ही तरफ से अब पुलिस दबाव बनाकर समझौता कराना चाहती है वहीं पीड़ित का आरोप कि दबंग घटना के बाद से अपने साथियों के साथ आकर उसके परिवार को डरा धमका रहा है वहीं पीड़ित परिवार अब अपना घर छोड़ने को मजबूर है ऐसे में सवाल उठता कि एक तरफ शासन महिलाओं और लड़कियों को लेकर काफी गंभीर है उन्हें हरसंभव सुरक्षा देने की बात कह रहा तो इज्जत नगर पुलिस शासन प्रशासन के फरमान की धज्जियां उड़ा रहा है
ये है खेल
अक्सर इस थाने में कार्रवाई के नाम पर पुलिस समझौता करने मैं पीछे नहीं आती है अक्सर थाने के अंदर दिखाई देती है यह नजारा थाने के अंदर घुसते ही गेट से लेकर फरियादियों की लंबी लाइनें दिखाई देती है लेकिन काले कारनामों को छुपाने के लिए समझौता एक्सप्रेस चालू करा देती है उसके बाद अगर पीड़ित परिवार को कोई तकलीफ होती है तो मामूली धाराओं में एनसीआर लिखकर खेल को खत्म कर दिया जाता है और पीड़ित परिवार से कहा जाता है कि एफ आई आर दर्ज कर ली गई है लेकिन सवाल यह उठता है कि जहां एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय और शासन और प्रशासन छोटी-छोटी घटनाओं और महिलाओं उत्पीड़न युवती को लेकर गंभीर है तो वही इज्जतनगर पुलिस इस बात से अनजान है