अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए नक्शा दाखिल करने में अभी और वक्त लगेगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में आज नक्शा दाखिल करना था। लेकिन कुछ तकनीकी कागजो की तैयारी ना होने के कारण ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा दाखिल करने के लिए और वक्त लेगा।राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में पत्रकारों से हुई वार्ता के दौरान बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा दाखिल करेगा। विकास प्राधिकरण का जो भी डेवलपमेंट चार्ज है उसको ट्रस्ट पूरा भुगतान करेगा। लेकिन नक्शा दाखिल करने से पहले अग्निशमन, फारेस्ट ,नजूल समेत नौ प्रकार के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी साथ में दाखिल करेगा जिसके लिए थोड़ा वक्त लगेगा। ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर में अग्निशमन के लिए लंबी चौड़ी बाउंड्री बनेगी जिसके माध्यम से पूरी 70 एकड़ भूमि को सुरक्षित किया जाएगा साथ ही चंपत राय ने स्पष्ट किया कि अभी राम मंदिर निर्माण के लिए नींव को खोदने का काम शुरू नहीं हुआ है।चम्पत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण से पहले बड़ी मशीनों को कार्य करने में कोई बाधक नही हो उसके लिए जीर्णशीर्ण मंदिरों को हटाया जा रहा है।जैसे सीता रसोई 250 वर्ष पुराना मंदिर है।कोबरा भवन, आनंद भवन,राम खजाना, मानस भवन के एक पार्ट को हटाया जा रहा है।जीर्ण मंदिरों में रखे देवताओं को सुरक्षित रखा जा रहा है।जब मंदिर बनेगा उनको स्थापित किया जाएगा।चम्पत राय ने मंदिर निर्माण के दौरान सेल्फी पॉइंट की खबर का खंडन किया है। चम्पत राय ने रामलला की सुरक्षा को लेकर कहा कि आतंकी घटनाओं के संदेह को देखते हुए रामलला की सुरक्षा से कोई समझौता नही होगा।कोई प्राइवेट एजेंसी रामलला की सुरक्षा के लिए उपयुक्त नही है सरकारी एजेंसी ही रामलला की सुरक्षा करेगी।मंदिर निर्माण के दौरान डिमांड को देखते हुए मजदूरों की संख्या बढ़ेगी।ट्रस्ट रामलला के लिए दान अखबारों के विज्ञापन के माध्यम से मांगेगा।देश के सभी भाषाओं के अखबारों में विज्ञापन दिया जाएगा।देश की श्रद्धालु जनता से ही अभी दान लिया जा रहा है।विदेशों से तीन माह तक नही लिया जाएगा कोई दान।राम मंदिर निर्माण में उपयुक्त होने वाली तांबे की छड़े सरकार की स्टेंडर्ड कंपनी के मानक की ही स्वीकार की जाएगी।जिससे एक क्वालिटी बनी रहे। मंदिर निर्माण के दौरान ही तांबे की छड़े की जरूरत पड़ेगी।