बिहार में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ती जा रही हैं। राज्य के 14 जिलों में 56 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 4,18,490 लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है।
आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 14 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान एवं मधुबनी में 56,53,704 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 4,18,490 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। 17,554 लोग 19 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1,358 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है।
राज्य के दरभंगा जिले में सबसे अधिक 18,61,960 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 31 टीमों की तैनाती की गई है। बिहार के इन जिलों में बाढ़ का कारण अधवारा समूह नदी, लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोशी, गंगा, कमला बलान, करेह एवं धौंस नदी के जलस्तर का बढ़ना है।
बाढ़ से कुल 13 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से दरभंगा जिले में सबसे अधिक सात, पश्चिम चंपारण में चार, मुजफ्फरपुर में दो लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण और बाढ़ पर सरकार पूरी तरह मुस्तैद है। इन दोनों को लेकर एक-एक आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। कोई ऐसा दिन नहीं होता, जब हम जिलों से और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों से बात नहीं करते हैं। रोज एक-एक चीज की जानकारी ली जाती है और उस पर कार्रवाई होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए पहले से सजग प्रशासन ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।