नई दिल्ली। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने बुधवार को दावा किया कि उसकी वायरल रोधी दवा फेविपिरावीर के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में कोविड-19 से हल्के से मध्यम स्तर के संक्रमित मरीजों की दशा में अधिक तीव्रता से सुधार दिखा है। कंपनी ने कहा है कि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में देश के सात क्लीनिक में 150 मरीजों पर इसका परीक्षण किया गया। कंपनी का दावा है कि इस दवा से कोविड-19 के रोगी 40 % तेजी से रिकवर हुए।
40 फीसदी तेजी के साथ फेविपिराविर:
दवा से क्लिनिकल इलाज हुआ कोविड-19 रोगियों पर फेविपिराविर दवा के फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों को लेकर ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने दावा किया है कि फेविपिराविर तेजी से कोविड-19 रोगियों को ठीक करने में मदद करता है। कंपनी का कहना है कि 40 फीसदी तेजी के साथ फेविपिराविर दवा से क्लिनिकल इलाज हुआ। ग्लेनमार्क ने बयान में कहा कि चरण तीन के परीक्षण में निर्धारित मात्रा में दवा के प्रभाव से वायरस दूर होने की गति 28.6 प्रतिशत अधिक रही।
सुधार की दर भी 40 प्रतिशत:
अधिक तेज रही कंपनी ने कहा कि इसके अलावा परीक्षण में नैदौनिक स्वास्थ्य लाभ के अंतर्गत ज्वर, रक्त में ऑक्सीजन के स्तर, श्वास दर और कफ या खांसी में सुधार की दर भी 40 प्रतिशत अधिक तेज रही। कंपनी ने कहा कि फेविपिरावीर प्लस इलाज इकाई में 69.4 प्रतिशत मरीजों को चौथे दिन ही आराम हो गया। जबकि समूह में 45 फीसदी का इलाज स्टैंडर्ड सपोर्टिव केयर के साथ किया गया था।
ट्रायल में इस तरह से दिए गए डोज:
मरीजों को पहले दिन फेविपिराविर का 3,600 mg टैबलेट दिया गया। इसके बाद मानक सहायक देखभाल के साथ-साथ अधिकतम 14 दिनों तक रोजाना दो बार 800mg के टैबलेट दिए गए। इस ट्रायल में 90 मरीज हल्के लक्षणों वाले थे जबकि, 60मरीज मध्यम लक्षणों वाले थे। इससे पहले देश की दवा नियामक डीसीजीआइ (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स से कोरोना के मरीजों पर एंटी वायरल दवा फेबिफ्लू के असर के दावे पर स्पष्टीकरण मांगा था।