गोरखपुर। रामचन्द्र: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे पर आज गोरखपुर पहुंचे गोरखपुर पहुंचने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सर्किट हाउस स्थित एनेक्सी भवन में अपने जनप्रतिनिधियों के साथ कोविड-19 इंसेफेलाइटिस डेंगू और कालाजार जैसी बीमारी और गोरखपुर के विकास कार्यों को लेकर बैठक की है।
उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ भी बैठक की। बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों के साथ कोविड-19 इंसेफेलाइटिस कालाजार डेंगू चिकनगुनिया जैसी बीमारी की रोकथाम के संबंध में प्रेस वार्ता कि।
अपने प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना की लड़ाई को पीएम के नेतृत्व में काफी अच्छे से लड़ा जा रहा है। अबतक 21 लाख लोग रिकवर हुए हैं और 7 लाख एक्टिव केस हैं। भारत मे 55 हजार मृतक हैं। 1.7 मृत्यु दर है। ब्राजील और अमेरिका की आबादी के हिसाब से हम काफी पीछे हैं।
भारत में चरणबध्द तरीके से जागरूकता चला है। कोविड -19 से हम सुरक्षित स्थिति में हैं। यही स्थिति हम यूपी में लेकर चल रहे हैं और इसकी लड़ाई अच्छे से लड़ रहे हैं। देश की इस लड़ाई में हर एक तबके के योगदान है। हमे इसका पालन वैक्सीन और दवा उपलब्ध होने तक करना पड़ेगा।
कोरोना के ख़िलाफ लड़ाई लड़ने के साथ हमे इंसेफ्लाइटिस से भी लड़ना है। इसपर सबसे पहला प्रहार 1977 के बाद प्रारंभ हुआ। 2005 में वैक्सिनेशन शुरू हुआ पर वो जेई के लिए था । लेकिन हमें असली सफलता 2014 में स्वच्छ भारत अभियान से मिली खुले में शौच, गंदगी आदि से हमें मुक्ति मिली । पिछले 3 साल में 2 करोड़ 61 लाख शौचालय बनाये गए । 40 साल से हर साल हजारों बच्चों को निगलने वाली बीमारी से हमें लगभग मुक्ति मिली है और वो स्वच्छ भारत अभियान से मिली।
स्वास्थ्य की सुविधा पीएचसी स्तर पे लोगों को मिले, इसकी व्यवस्था कराई गई। गोरखपुर बस्ती मण्डल में हर अस्पताल में 12 बेड का आईसीयू बनाया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने जागरूकता के कार्यक्रम किये और आज हमने इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया है।
हम लॉकडाउन में शनिवार रविवार को स्वच्छता के लिए अभियान चलाया । 40 सालों से जो मासूम मौत के शिकार हो जाते थे उनको हम समाप्त कर सकते हैं और यह सफलतम कहानी देश दुनिया मे रख सकते हैं । एईएस से साल 2016 में 699 केस 136 की मौत, साल 17 में 875 केस 119 मौत, साल 2018 में 440 केस 41 की मौत, साल 2019 में 265 केस और 15 की मौत साल 2020 में अबतक 80 केस और 6 की मौत हुई है।
वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में 95 फीसदी मौत के आंकड़े कम हुए हैं। 2019 में यूपी में कुल एईएस के 816 केस आये जिसमे 35 की मौत हुई। साल 2020 में 396 केस आये और 12 की मौत हुई। वहीं जेई से साल 19 में 50 केस आये, 4 की मौत हुई। साल 2020 में 19 केस आये, 2 की मौत हुई।
जेई और एईएस का परिणाम बताता है कि बेहतर सर्विलांस बेहतर रिजल्ट ला सकता है। कोविड 19 को भी हम इसी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं। अगले दो साल में हम इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियो को हम नियंत्रित कर सकते हैं।