लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लखनऊ, गोरखपुर समेत कई बड़े जिले ऐसे हैं जहां बेडों की संख्या कम होती जा रही है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। मरीज कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन कर सकेंगे ।इसके लिए प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के बिना लक्षणों वाले कई मरीज ऐसे हैं जो अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते हैं। ऐसे मरीज अपनी बीमारी छिपा रहे हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है। वहीं कई कोविड केयर सेंटरों में बेड फुल हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का आलम यह है कि लगभग एक हफ्ते से मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया समेत कोरोना वायरस के सेंटर में भर्ती नहीं मिल रही है। बाहरी जिलों से आने वाले मरीजों को भी बेड खाली न होने से लौटना पड़ रहा है। ऐसे में लगातार मांग हो रही थी कि सरकार बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था करे। हालांकि सरकार को दावा है कि प्रदेश में बेडों की कमी नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों को कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सीएम ने होम आइसोलशन को मंजूरी देने के साथ ही अधिकारियों को तत्काल गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बिना लक्षणों वाले और माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन को लेकर जल्द ही गाइडलाइन तैयार करें।
जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक करके अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस को लेकर व्यापक तौर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। लोगों को इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए प्रेरित किया जाए।