योगीराज में ‘मस्टर रोल’ घोटालेबाज को बचा रहे हैं मंत्री धर्मवीर प्रजापति और डीजी के स्टेनो के.सी. गौतम !


आगरा में हुये ‘मस्टर रोल’ घोटालेबाज कमांडेंट ,प्लाटून कमांडर को बचा रहे हैं मंत्री धर्मवीर प्रजापति और स्टेनो के.सी. गौतम  !

घोटालेबाज गीतम सिंह है मंत्री का चहेता और डीजी के स्टेनो के.सी.गौतम का रिश्तेदार

स्टेनों के.सी.गौतम ने मुख्यालय के अधिकारियों को सेट कर बचा लिया घोटालेबाजों को…

आगरा कमांडेंट संतोष कुमार,प्लाटून कमांडर गीतम सिंह ने मस्टर रोल पर हाथ से पांच होमगार्डों का बिल बनाकर निकाला लाखों रुपये

घोटालेबाजों पर ना तो हुुयी कार्रवाई और ना ही उनसे वसूली गयी घोटाले की राशि…

संजय श्रीवास्तव

लखनऊमुख्यमंत्री जी,थोड़ा ध्यान होमगार्ड विभाग की तरफ भी दे दिजिये…। यहां पर भी आपके जीरो टॉलरेंस की खूब धज्जियां उड़ायी जा रही है। ट्रांसफर में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार की नई-नई कहानियां लिखी जा रही है,धार्मिक स्थलों पर बावर्दी होमगार्ड महिलाओं व बच्ची को बेड टच कर रहा है और मस्टर रोल घोटालेबाजों को मुख्यालय के अफसर बचा रहे हैं और उसके एवज में उनसे मोटी धन उगाही कर रहे हैं। कहानियां लंबी है,जिसे ‘द संडे व्यूज़’ डंके की चोट पर उजागर कर रहा है लेकिन जांच बिठाकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है,क्यों ! जिला कमांडेंट जानते हैं कि धार्मिक स्थल पर चाहें वो प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र हो,महिलाओं का अपमान करो या फिर मासूम बच्ची के साथ (बेड टच), उनके या उनके वसूलीमैनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी…। प्रमोटी कमांडेंट को मालूम है कि होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति का उन पर हाथ है। मंत्री जी का जो आदेश हो,उसका पालन करते रहो,कोई बाल बांका नहीं कर पायेगा…। इसी तरह, होमगार्डों के नाम पर धड़ल्ले से ‘फर्जी मस्टर रोल’ बनाकर लाखों रुपये निकालो कुछ नहीं होगा क्योंकि डीजी बी के मौर्य के स्टनों के.सी.गौतम हमारे रिश्तेदार हैं…। जी हां,आगरा में लगभग 20 वर्ष से तैनात प्लाटून कमांडर गीतम सिंह तो यही कहता है। हालांकि जिलों में तैनात श्री गौतम के बिरादरी के सभी बीओ,पीसी अपने को इनका रिश्तेदार बताते हैं। खैर, द संडे व्यूज़ दस्तावेज के साथ आगरा में हुये मस्टर रोल घोटाले का खुलासा कर रहा है और देखना है कि इस पर दोनों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई होती है या फिर ?

फर्जी मस्टर रोल,जिसमें हांथ से लिखा गया है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में भ्रष्टाचार खत्म करने की बातें भले ही खूब हो रही हो लेकिन हकीकत इससे परे है। आखिर मुख्यमंत्री अकेले किस-किस पर नजर रखेंगे और कैसे उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनायेंगे…जब उनकी सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ही सरकारी धन में घोटाला करने वालों पर आशीर्वाद का हाथ रखेंगे…। सोचने की बात है कि होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति अपने ही आवासीय जनपद आगरा में फर्जी मस्टर रोल बनाकर लाखों रुपये घोटाला करने वाले वैतनिक प्लाटून कमांडर को क्यों बचा रहे हैं? विधानसभा चुनाव में चुनावी ड्यूटी में लगे पांच होमगार्ड जो ड्यूटी करने ही नहीं गये लेकिन उनका नाम से फर्जी मस्टर रोल बनाकर लाखों रुपये निकाल लिया गया। मस्टर रोल घोटाले की भनक जब आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव शुक्ला को लगी तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से जांच बिठायी और मुख्यालय में कार्रवाई के लिये पत्राचार किया। होमगार्ड मुख्यालय के अफसरों ने सरकारी खजाने से निकाले गये लाखों रुपये के भ्रष्टाचारी प्लाटून कमांडर और जिला कमांडेंट को जेल भेजने के बजाये उसे छोड़ दिया…। दोषी प्लाटून कमांडर को बचाने का काम डीजी के स्टेनो कमलेश चंद्र गौतम ने किया,जो दूर के रिश्तेदार बताये जाते हैं। स्टेनो ने ही मुख्यालय के अफसर को मिलाकर सख्त कार्रवाई करने से प्लाटून कमांडर को बचा लिया। सीधी बात करें तो सरकारी धन की चोरी करने वाला प्लाटून कमांडर जितना दोषी है, उतना ही दोषी उसे बचाने वाले अधिकारी और स्टेनो भी हैं। अब इनलोगों से ही पूछा जाये कि गबन की गयी सरकारी धनराशि कौन देगा ? बताया जाता है कि घोटाले की जानकारी मंत्री जी को भी लगी लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली। सवाल ये है कि क्या आगरा में मस्टर रोल घोटाला करने वाला प्लाटून कमांडर भी नोयडा, गाजियाबाद में मस्टर रोल घोटाला करने वाले आरोपी अफसरों की तरह बच जायेगा ? वहां भी मोटी रकम लेकर कई बड़े अफसरों को बचाने का काम किया गया था…।

असली मस्टर रोल

सवाल ये भी है कि इस मामले में दोषी जिला कमांडेंट और प्लाटून कमांडर के खिलाफ कार्रवाई होगी भी या नहीं? मंत्री धर्मवीर प्रजापति को कॉल किया गया तो उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा लेकिन द संडे व्यूज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस के खिलाफ चलने वाले हर उस शख्स का चेहरा बेनकाब करता रहेगा,जेा भ्रष्ष्टïाचार को बढ़ावा देने का काम करेंगे। विधान सभा चुनाव 2022 को देखते हुये पुलिस लाइन, आगरा में तैनात 50 होमगार्डों को जिला कमंाडेंट कार्यालय भेज गया था। उसके बाद इन जवानों को 6 फरवरी 2022 से 8 फरवरी 2022 तक विधान सभा चुनाव में रवाना किया गया। हकीकत ये है कि चुनावी ड्यूटी में 50 नहीं बल्कि 45 होमगार्ड ही ड्यूटी करने गये। पंाच होमगार्ड गायब हो गये। उस समय आगरा के जिला कमांडेंट संतोष कुमार,निरीक्षक सुरेश कुमार चक और बीओ गीतम सिंह (वर्तमान में प्लाटून कमांडर) मौजूद थे। कमांडेंट संतोष कुमार के निर्देश पर सभी 50 होमगार्डों को पुलिस लााइन रवाना कर दिया गया और मस्टर रोल पर पुलिस लाइन के आरआई के हस्ताक्षर भी करा लिये गये। जी हां, जो पांच होमगार्ड चुनावी डयूटी पर नहीं भेजे गये, बीओ गीतम सिंह ने फर्जी मस्टर रोल बनाकर उस पर हांथ से उन सभी का नाम लिख दिया। उनके नाम क्रमश: होमगार्ड 0836 राधेश्याम, 0551 कमल सिंह, 0573 राकेश कुमार, 0569 विनय कुमार और 0591अभिमन्यु कुमार है। फर्जी मस्टर रोल विभाग में भेज दिया। बताया जाता है कि फर्जी मस्टर रोल जिला कमांडेंट संतोष कुमार के इशारे पर बीओ गीतम सिंह, क्लर्क सत्यप्रकाश और सहायक कंपनी कमांडर (अवैतनिक) अफजल खां की मिलीभगत से बनाया गया था। फर्जी मस्टर रोल पर जब हस्ताक्षर करने से निरीक्षक सुरेश कुमार चक ने मना किया तो कमांडेंट ने झूठे आरोप लगाकर उनका तबादला जिला कार्यालय से डीटीसी कर दिया ताकि मामला दबा रहे। फर्जी मस्टर रोल में दाखिल किये गये पांचों होमगार्डों की ड्यूटी के एवज में बनें 1,21,830 रुपये (एक लाख इक्कीस हजार आठ सौ तीस रुपये) निकाल लिया गया।

अब बताते हैं जिला कमांडेंट संतोष कुमार कितना शातिर है,उन्होंने अपनी टीम के साथ जो गबन किया,उसके लिये मस्टर रोल पर भी ऐसे जगह हस्ताक्षर किया, जो रकम निकालनी है। यानि, डीए वाली जगह पर कमांडेंट का हस्ताक्षर है ताकि मामला गंभीर हो तो उसके गुर्गें बीओ गीतम सिंह और क्लर्क सत्यप्रकाश फंसे। गौर कीजियेगा, मस्टररोल पर 266 मानव दिवस का 2,09076 और डीए का 4,788 रुपए के भुगतान का आदेश हुआ है, लेकिन कमांडेंट के हस्ताक्षर केवल डीए वाले आदेश पर ही हैं। मूल भुगतान आदेश 2,09076 पर हस्ताक्षर ही नहीं है। बनाये गये फर्जी मस्टर रोल पर आप देख सकते हैं। निर्वाचन में केवल 5 तारीख तक ड्यूटी थी, उसके बाद मैनुअली होमगार्ड लगाये गये हैं। हाथ से लिखे 5 होमगार्डों के 155 मानव दिवस के 1,21,830 पर भुगतान आदेश नहीं किया गया है, केवल कमांडेंट के हस्ताक्षर हैं, किसी अन्य अधिकारी या कर्मचारी द्वारा अन्य कोई हस्ताक्षर नहीं किया गया है। मस्टररोल पर पुलिस लाइन की जीडी का अंकन नहीं किया गया और न ही रवानगी आदेश का अंकन है। इतना ही नहीं, पुलिस लाइन में पांचों होमगार्डों के लगाने का आदेश और कंपनी प्रभारी द्वारा दी गयी आमद सूची नहीं लगायी गयी है। मस्टररोल पर किसी ने लिखा है कि पुलिस लाइन आगरा से अपर जिला जज और महानिरीक्षक के यहां होमगार्ड भेजे गये। यही नहीं, इन पांचों होमगार्ड को निर्वाचन से छोडऩे के एवज में भी मोटी थैली लेकर बंदरबांट की गयी है। साफ है कि मस्टररोल फर्जी बनाकर 1,21,830 रुपए के सरकारी धन का गबन किया गया है और कंपनी प्रभारी, जिला कमांडेंट,क्लर्क द्वारा बंदरबांट की गयी है। जिन अधिकारियों के यहां होमगार्ड लगाये गये थे, न तो उनके द्वारा और न ही उनके किसी स्टाफ द्वारा प्रमाणित या पुलिस लाइन को फारवड किया गया है।

चौंकाने वाली बात तो ये है कि जब डीआईजी,आगरा परिक्षेत्र संजीव शुक्ला ने इस बात की लिखित जानकारी मुख्यालय को दी तो डीजी बी.के.मौर्य ने जांच बिठा दी। इस पर अधिकारियों और डीजी के स्टेनो के.सी.गौतम ने श्री मौर्य को गुमराह कर दोषी बीओ गीतम सिंह को बचा लिया। सोचिये, (एक लाख इक्की हजार आठ सौ तीन रुपये) योगी सरकार के खजाने से कमंाडेंट संतोष कुमार और बीओ गीतम सिंह ने चोरी किया और उनलोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गयी? मामले को रफा-दफा कर बीओ गीमत सिंह को प्रमोशन देकर प्लाटून कमांडर भी बना दिया गया। तहकीकात करने पर पता चला कि मुख्यालय पर डीजी के चैम्बर के बगल में बैठे उनके स्टेना के. सी. गौतम ही इन घोटालेबाजों को बचाने वाले हैं। जी हां, आगरा के सीनियर अफसरों ने बताया कि बीओ गीतम सिंह, स्टेना के. सी. गौतम के दूर के रिश्तेदार लगते हैं, इसीलिये उन्होंने घोटाला करने के बावजूद अपने रिश्तेदार को बचा लिया। अफसरों ने बताया कि इस बात की जानकारी जब ऑडिट टीम को हुयी तो घोटालेबाजों की नींद उड़ गयी लेकिन उनलोगों ने भी कार्रवाई करने के बजाये मामले को दबा दिया। ऐसा क्यों किया होगा बताने की जरुरत नहीं समझता।

अफसरों ने बचाया कि बीओ गीतम सिंह पर होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति का भी हाथ है। मंत्री के आगरा स्थित आवास पर उसका आना-जाना और पहुंचाने का सारा काम गीतम सिंह ही करता है। मंत्री का करीबी होने का रौला दिखाता रहता है जिसकी वजह से अफसर उस पर हाथ डालने से डरते हैं। इस बाबत जब होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति से उनके नंबर 8630105112 पर रविवार की सुबह 11 बजकर अट्ठाइस मिनट पर बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। आखिर में यही कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में घोटालेबाजों को बचाने वाले अफसरों पर कम से कम विभागीय मंत्री को एक्शन लेकर संदेश देने की कोशिश करना चाहिये कि योगी राज में कोई भ्रष्टाचारी बचेगा नहीं लेकिन…। द संडे व्यूज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुये ऐसे सभी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हल्ला बोल चलाता रहेगा जो सरकारी खजाने से चोरी करने की नीयत रखते हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *