कमांडेंट मनीष दूबे के खिलाफ इंदिरानगर थाने में दर्ज मारपीट का मुकदमा
एफआईआर में क्या हुआ, इसकी रिपोर्ट डी.जी. के स्टाफ आफिसर टू कमांडेंट जनरल विनय मिश्रा ने मांगी
मारपीट हुयी 30 दिसंबर को, 22 अप्रैल को पुलिस से मांगी गयी रिपोर्ट ताकि हो सके विभागीय कार्रवाई
ब्यूरो,लखनऊ। इंदिरानगर के रहने वाले अशोक कुमार गुप्ता द्वारा कमांडेंट मनीष दूबे के खिलाफ दर्ज करायी गयी एफआईआर की जांच होमगार्ड मुख्यालय द्वारा तेज कर दी गयी है। 30 दिसंबर 2024 को इंदिरानगर थाने में दर्ज एफआईआर में कमांडेंट मनीष दूबे और उसके भाई मनोज दूबे पर आरोप लगाया गया है कि उसके घर के सामने गेट नहीं लगा है लेकिन मनीष दूबे और मनोज दूबे जबरदस्ती हमारे गेट में जाली लगाकर बंद कर रहे हैं। विरोध करने पर इनलोगों ने मिलकर मुझे मारापीटा और गालियां दी। मनीष दूबे ने कहा कि हम हमारा ये गेट खुलने नहीं देंगे चाहें जो कर लो।

मामले की गंभीरता को देखते हुये स्टाफ आफिसर टू कमांडेंट जनरल विनय कुमार मिश्रा ने पत्र लिखकर इस प्रकरण की जांच कर रहे उप-निरीक्षक ऋषभ शुक्ला द्वारा की जा रही विवेचना की स्थिति क्या है,साक्ष्यों सहित सभी पत्र सात दिनों के अंदर होमगार्ड मुख्यालय भेजे ताकि डीजी बी के मौर्या को अवगत कराते हुये अग्रेतर कार्यवाही करायी जा सके। बता दें कि इंदिरानगर निवासी अशोक कुमार गुप्ता पुत्र रामअजौर गुप्ता,शीतल रेजीडेंसी मकान नंबर 10 तकरोही रहते हैं। 30 दिसंबर 2024 को इंदिरानगर थाने में कमांडेंट मनीष दूबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया। आरोप है कि उनके घर के बगल में ही कमांडेंट,होमगार्ड मनीष दूबे रहते हैं।

अशोक का आरोप है कि उनके घर के बाहर गेट नहीं लगा है लेकिन मनीष दूबे और उनके भाई मनोज दुबे ने जबरदस्ती जाली का गेट लगाने लगे। विरोध करने पर उनलोगों ने मुझे मारा और गालियां बकी। धमकी भी दी कि गेट नहीं खुलने देंगे,चाहें जो करना हो कर लो। इस मामले में इंदिरानगर थाने की पुलिस की जांच कहां तक पहुंची,इसे जानने के लिये होमगार्ड मुख्यालय पर तैनात स्टाफ आफिसर टू कमांडेंट जनरल विनय कुमार मिश्रा ने 22 अप्रैल 2025 को पत्र लिखकर प्रकरण की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी मांगी है। यदि कमांडेंट मनीष दूबे दोषी पाये जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
मामला मारपीट का है लेकिन मुख्यालय स्तर से जारी किये गये पत्र से विभाग में हड़कम्प मच गया है। सभी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कोर्ट के आदेश पर जब मनीष दूबे को बहाल कर दिया गया तो उन्हें जिस जिले में भेजा गया,वहां कार्यभार क्यों नहीं ग्रहण किया ? आखिर मुख्यालय पर मनीष दूबे को तैनात कर क्या काम लिया जा रहा है ? डीजी,कार्यालय स्तर से पत्र के माध्यम से पुलिसिया स्टेटस मांगी गयी है,क्या रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई तय की जायेगी?