नई दिल्ली। आज कल भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है और इसकी जल्द खत्म होने की उम्मीद नहीं दिखाई देती है। ऐसे में चीनी आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत ने पड़ोसी देश के साथ लगती सीमा पर और 35 हजार सैनिक बढ़ाने का फैसला किया है। ब्लूमबर्ग के एक रिपोर्ट में यह दावा हुआ है। भारत ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब चीन ने अक्साई चिन में करीब 50 हजार सैनिक तैनात किए हैं।
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं करने के नियमों का हवाला देते हुए पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि इस कदम से 3,488 किलोमीटर लंबी विवादित सीमा पर यथा-स्थिति बदलेगी। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने भी सैनिकों के मारे जाने की बात तो स्वीकार की लेकिन संख्या का खुलासा नहीं किया है। इसके बाद दोनों पक्षों ने बड़ी मात्रा में सैनिकों और हथियारों को यहां तैनात कर दिया था।
दिल्ली स्थित थिंक टैंक ‘द यूनाइटेड सर्विस इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’ के डायरेक्टर और रिटायर्ड मेजर जनरल बीके शर्मा ने कहा, ”लाइन ऑफ कंट्रोल की प्रकृति, कम से कम लद्दाख में हमेशा के लिए बदल गई है। किसी भी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सैनिकों की वापसी तब तक नहीं की जाएगी जब तक सर्वोच्च राजनीतिक स्तर से पहल ना हो।”
फिलहाल सीमा पर संघर्ष थमा हुआ है और दोनों सेनाओं के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके बाद बीजिंग ने कहा है कि अधिकतर जगहों पर सैनिक पीछे हट गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ”इस समय दोनों पक्ष जमीनी मुद्दों को सुलझाने के लिए पांचवें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत की तैयारी कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी समान लक्ष्य के लिए चीन के साथ काम करेगा।”
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी सहित कई इलाकों से पीछे हटने को मजबूर हुए चीन ने अक्साई चिन में पीएलए के करीब 50 हजार सैनिकों को तैनात किया है। भारतीय सेना अक्साई चिन में पीएलए के टैंकों, एयर डिफेंस रडार और जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइलों की तैनाती पर नजर रख रही है। चीन की नई चालबाजी और आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत ने पहली बार मिसाइल फायर करने वाले T-90 टैंक्स का स्क्वॉड्रन (12) तैनात कर दिया है।