उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में लगा रॉकेट


ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आठ प्रतिशत वृद्धि की दर से आगे बढ़ रही है। बीते वित्तीय वर्ष प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 25.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 22.58 लाख करोड़ रुपये था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा के क्रम में यह आंकड़े साझा किए। 

उन्होंने कहा कि सात वर्षों के नियोजित प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है, इसमें अभी और वृद्धि की संभावना है। इस मौके पर उन्होंने जिला घरेलू उत्पाद अनुमान (डीडीपी) उत्तर प्रदेश 2022-23 पुस्तिका के प्रकाशन के संबंध में भी दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार फैमिली आईडी के माध्यम से लोगों के सुनियोजित विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। फैमिली आइडी के माध्यम से डाटा एकत्र करने के कार्य को आगे बढ़ाया जाए। डाटा संग्रहण के कार्य में लगे लोगों का उचित प्रशिक्षण कराया जाए और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का बेहतर डेटाबेस तैयार किया जाए। 

शोध कार्य को आगे बढ़ाएं

सीएम योगी ने जिला घरेलू उत्पाद अनुमान पुस्तिका में प्रदेश की जीएसडीपी, जिले की डीडीपी, प्रदेश व जिले की वार्षिक वृद्धि दर, प्रति व्यक्ति आय के साथ ही जिले व प्रदेश की तुलनात्मक स्थिति जैसे आंकड़ों के समावेश का निर्देश दिया। 

कहा, पुस्तिका के आंकड़ों को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केंद्रों को भी भेजा जाए और उनसे संवाद स्थापित करते हुए इसी आधार पर शोध कार्य को आगे बढ़ाएं। 

कैपिटल एक्सपेंडिचर के मामले में प्रथम स्थान

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में आधारभूत संरचना के विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। शहरीकरण तेजी से बढ़ा है, परिणामस्वरूप लोगों की प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी हुई है। बीते सात साल में हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं। प्रदेश की कार्य संस्कृति में बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है। देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर के मामले में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अन्य राज्यों की तुलना उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर पर सर्वाधिक बजट खर्च करता है।


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