प्रयागराज। जितेन्द्र प्रसाद: जनपद प्रयागराज में मऊआइमा ब्लॉक विकास के मामले में नंबर वन माना जा रहा है। लेकिन यह सिर्फ कागजों और जुबान पर देखे जाने को मिला है। लेकिन सच्चाई तो यह है उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से चारों तरफ लीपापोती व भ्रष्टाचार- भ्रष्टाचार ही छाया हुआ है। जहां प्रदेश की योगी सरकार गरीबों को आवास, शौचालय, विधवा पेंशन व अन्य चीजें उपलब्ध कराए जाने का प्रयास कर रही है, तो अधिकारियों की मिलीभगत से उनके आदेशों का पलीता लगाया जा रहा है।
सुविधाओं के नाम पर धन वसूली का मामला प्रकाश में आ रहा है। जीरो करप्शन का दावा करने वाले ब्लाक प्रमुख मऊ आइमा सुधीर मौर्य भी जांच का विषय बताकर मामले को समाप्त कर दिया जाता है। जिससे क्षेत्रीय लोगों ने विकास के नाम पर शून्य का आरोप लगा रहे हैं। यही नहीं विकास के लिए प्रदेश सरकार विद्यालय व अस्पताल के बाउंड्री व अन्य निर्माण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन उन पैसों को बंदरबांट कर, घटिया किस्म के सामान का इस्तेमाल कर बनवाया जाने का भी मामला प्रकाश में आया हुआ था।
1- विकास खंड मऊ आइमा के महारौडा स्थित माडल स्कूल के बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य में अनियमितता बढ़ती जा रही थी जिसमें घटिया किस्म की सीमेंट वाइट का निर्माण किया जा रहा था, जिसको 8 मई को हिंदुस्तान अंक ने प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी।
2- दो जून को मऊआइमा के सेमरा वीरभान पुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय में स्कूल के बाऊड्री वाल का निर्माण चल रहा है। जिसमें घटिया किस्म की ईंट व मानक से कम मात्रा में जमीन पर मिट्टी के साथ सीमेंट व बालू मिलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यही नहीं बाउंड्री वाल में दो गाड़ी ईंट व दो ट्रैक्टर बालू मंगाया गया था। जिसमें मात्र 8 बोरी सीमेंट का प्रयोग करके लगभग 50 मीटर लंबी व 4 फीट ऊंची बाउंड्री का निर्माण किया गया है। जिसमें मात्र 8 बोरी सीमेंट मिलाई गई है। जिलाधिकारी से शिकायत के बाद काम बंद करवा दिया गया था और ध्वस्तीकरण कर पुनर्निर्माण का आदेश दिया गया था।
3- कुछ महीनों पूर्व मऊआइमा के घीनपुर प्रधान के खिलाफ मृतक के नाम से आवास का पैसा निकाल लिया जाने तथा पात्रों को न देकर आपात्रों को आवास उपलब्ध कराने की शिकायत उच्च अधिकारियों से किया गया था। लेकिन जांच का विषय बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था।
4 – 25 मार्च मऊ आइमा के हरख पुर में बिजली, पानी व अन्य सुविधा ना होने का मामला डॉक्टरों ने बताया था ,जिसकी शिकायत जन प्रतिनिधि व उच्च अधिकारियों से की गई थी। यही नहीं एक डॉक्टर के भरोसे अस्पताल चलाई जा रही है, जो कि ज्यादातर ऑफिस के कामकाज से बाहर रहते हैं।
5- 15 अगस्त हिंदुस्तान की टीम जांच के दौरान मऊआइमा के खरगापुर के हरिजन बस्ती प्रधान व उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से आवास के नाम पर धन वसूली का मामला सामने आया था। पात्रों को आवास नहीं दिया जा रहा है। वहीं एक विधवा महिला ने बताया कि पिछले 6 वर्षों से विधवा पेंशन के नाम से 15 सो रुपए वसूले जा चुके हैं। लेकिन विधवा पेंशन नहीं लगाया गया है।
यही नहीं तालाब के किनारे मिट्टी ना फेंके जाने के कारण अतिरिक्त पानी के कारण लोगों के घरों में पानी जा रहा है। जिससे तालाब के किनारे बसे लोगों के घर गिर गए हैं और उनके पास रहने का साधन नहीं है।