मीरा श्रीवास्तव
वैसे तो भिन्न- भिन्न प्रकार की गुझिया बनायी जाती है पर सबके बनाने की विधि लगभग एक जैसी ही होती है…। बस भरावन और घी का अन्तर होता है । वैसे अब बेकड गुझिया भी बनने लगा है ।
गुझिया बनाने की विधि
1-2 किलो मैदा 250 ग्राम खोया 150 ग्राम शक्कर अरारोट का आटा मेवा, नारियल बुरादा, बादाम, पिस्ता, किशमिश, चिरौंजी, खरबूजे का बीज स्वेच्छा अनुसार छोटी इलायची, घी बनाने की विधि मैदे में 1 चम्मच अरारोट का आटा मिलाकर चाल ले। देशी घी का मोइन करें, इतना घी मिलायें कि मु_ी बनने लगे। अब 1 कप दूध से मैदे को गूँथे अच्छे से मिलाये। अब जरूरत पडऩे पर पानी के छींटे डाल- डाल कर गुंथे। अच्छे से तोड़-तोड़ कर गूँथने के बाद एक सूती कपड़ा गीला करें। पानी निचोड़ कर, ढक कर 1- 2 घंटे के लिये रख दें। अब गैस पर कढ़ाई चढ़ाकर कर खोवा हल्का ब्राउन होने तक भुने । अब इसमें पिसा हुआ शक्कर, कटा हुआ मेवा, और इलायची मिला कर रख दे। इसके बाद एक कटोरी में 1 चम्मच मैदा लें, उसे पानी से पतला घोल कर रख ले । गूँथे आटे की छोटी- छोटी लोई बना कर पूरी के जैसा पतला पतला बेल कर रख ले। अब एक- एक पूरी के किनारे- किनारे घोले मैदे के घोल को लगा दे। अब पूरी पर एक चम्मच खोया डाले और मोड़ कर बन्द करके दबा कर चिपका दे। गुझिया के मशीन में डाल कर दबा कर निकाल ले। अब तैयार गुझिया को गीले कपड़े से ढक कर रख दे। गैस पर घी गरम करके थोड़ा ठंंढा करके 4 या 5 गुझिया डालकर हल्का गुलाबी होने तक तल कर निकाल लें।
नोट.. गुझिया मैदा या गेंहू के आटे से भी हम बना सकते हैं । मैदे का घोल लगाने से गुझिया खुलती नहीं है। भरावन में खोवा या सूजी या तले बेसन की पापड़ी को पीस कर मेवा इलायची मिला कर या भांग डाल कर भी अपनी पसंद के अनुसार गुझिया बनायी जा सकती है। बहुत अधिक भरावन डालने से गुझिया फ टने का डर रहता है ।अगर कोई गुझिया फ टता है तो उसे तुरंत निकाल देना चाहिये, जिससे बाकी गुझिया खराब न हो। खोया ब्राउन होने तक भुनने से गुझिया थोड़ा ज्यादा समय तक चल जाता है। चाशनी की गुझिया बनाने में भरावन के खोये में शक्कर नाममात्र डालना चाहिये। चाशनी केवल एक तार की हो और गुझिया को एक बार डूबा कर निकाल लेना चाहिये।