सुनील कुमार,मनोज कुमार का अफसर मेस कांड़ का जिन्न बाहर निकला
डीआईजी संजीव शुक्ला की रिपोर्ट पर शासन सख्त, डीजी से मांगी गयी आख्या
सवाल: जब शासन मंडलीय कमांडेंट का नियुक्ताधिकारी है तो डीजी से क्यों मांगी आख्या ?
शासन ने जांच रिपोर्ट पर एक्शन लेने के बजाये गेंद डीजी बी के मौर्या के पाले मेें क्यों फेंका ?
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। घटना एक वर्ष पुरानी है। तारीख 6 दिसंबर 2023। आफिसर्स मेस में पार्टी चल रही थी। सभी अफसर अपनी दुश्मनी भूल एक दूसरे के गल-बहिया कर रहे थें,तभी एक सीनियर अफसर ने अपने ही विभाग के जूनियर अफसर का पीछे से गर्दन दबा दिया। सीनियर अफसर के हांथों का कसाव इतना तेज था कि जूनियर अफसर के गर्दन पर निशान पड़ गया और वो हकबका कर पीछे देखा। सीनियर अफसर द्वारा इस तरह का दुव्र्यवहार करने पर उसे गुस्सा आया लेकिन उसने शासनादेश और नियमावली को ध्यान में रखा और सीनियर को करारा जवाब नहीं दिया। जूनियर ने डीजी को लिखित शिकायत की और उस पर जांच बिठा दी गयी। आप तो जानते हैं कि सरकारी विभागों में जांच की प्रक्रिया कछुवे की चाल से चलती है लेकिन मामला 6 दिसंबर का था…। ये दिन वैसे भी विवादित माना जाता रहा है लेकिन फिर कुछ दिनों बाद 6 दिसंबर 2024 आने वाला है। कछुए की रफ्तार से चली सीनियर और जूनियर की लड़ाई की जांच रिपोर्ट तैयार है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी,जिसमें सीनियर को बेहतरीन तरीके से लपेटा गया है लेकिन शासन ने खुद कार्रवाई ना कर डीजी को रिपोर्ट भेज आख्या मांगी है। यानि, कुल मिलाकर अब गेंद डीजी के पाले में है और सभी अफसरों के जुबां पर यही है कि इस बार का 6 दिसंबर यादगार रहेगा…। अफसरों का कहना है कि ‘मिस्टर एक्शन’ के नाम से मशहूर डीजी ‘एक्शन का धमाल’ तो करके ही मानेंंगे।
मामला होमगार्ड विभाग का है और सीनियर अफसर सुनील कुमार हैं जो इस समय अंबेडकरनगर के मंडलीय कमांडेंट हैं और जूनियर अफसर मनोज कुमार हैं,जो फिलवक्त उन्नाव के जिला कमांडेंट हैं। ‘द संडे व्यूज़’ ने 6 दिसंबर 2023 को आयोजित होमगार्ड दिवस के दिन आफिसर्स मेस में हुयी घटना को प्रमुखता के साथ उठाया था,जिसकी अफसरों ने जमकर सराहना की थी। मामला कुछ इस प्रकार से था कि मेस में पार्टी चल रही थी और कमांडेंट अपने साथियों के साथ पार्टी का मजा ले रहे थें तभी मंडलीय कमंाडेंट सुनील कुमार ने मनोज कुमार का गर्दन पीछे से दबोच लिया। मनोज हकबका गये कि आखिर उनके साथ किसने दुव्र्यवहार किया। पलट कर उन्होंने सुनील कुमार से गर्दन छुड़ाया और दोनों के बीच कहा-सुनी होने लगी। इस बीच वहां मौजूद अफसरों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया लेकिन अपमान का घूंट पीने वाले कमांडेंट मनोज कुमार ने इसकी लिखित शिकायत डीजी बी के मौर्या से की। सुनील कुमार से जवाब-तलब कर मामले को ठंड़े बस्ते में डाल दिया गया था लेकिन आफिसर्स मेस कांड़ का जिन्न फिर से निकल आया है।
शासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव शुक्ला ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि सुनील कुमार सीनियर अफसर होकर जिस तरह से अपने कमांडेंट मनोज कुमार के साथ व्यवहार किया,वो नियमावली के खिलाफ है। अनुशासनहीनता के दायरे में आता है इसलिये सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये। प्रमुख सचिव, होमगार्ड ने कुछ दिनों पूर्व डीजी,होमगार्ड बी के मौर्या को पत्र भेजकर इस प्रकरण पर आख्या मांगी है। एक बात समझ में नहीं आता कि जब मंडलीय कमांडेंट की नियुक्ताधिकारी शासन होता है तो फिर जांच रिपोर्ट आने के बाद डीजी से आख्या क्यों मांगी गयी ?