सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को दादर, मुंबई के निर्मल नर्सिंग होम में हुआ था। सचिन तेंदुलकर के पिता रमेश तेंदुलकर महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकार थे और उनकी माँ रजनी एक बीमा एजेंट थीं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इंटरनैशनल क्रिकेट में सेंचुरी की सेंचुरी लगाई है, ऐसा करने वाले वो दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। आज से ठीक 30 साल पहले सचिन ने करियर की पहली सेंचुरी ठोकी थी। 1989 में इंटरनैशनल डेब्यू करने वाले तेंदुलकर 1990 में इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा थे। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 9 से 14 अगस्त के बीच मैनचेस्टर में खेला गया था। इस मैच के आखिरी दिन यानी कि 14 अगस्त को तेंदुलकर ने करियर की पहली सेंचुरी ठोकी थी।
इस सेंचुरी के साथ ही तेंदुलकर ने इंटरनैशनल क्रिकेट में 100 सेंचुरी के सफर का आगाज किया था। तेंदुलकर को उस टेस्ट में मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था, उनकी सेंचुरी के दम पर ही भारत वो टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था। भारत को दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 408 रनों का टारगेट दिया था। तेंदुलकर छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। टीम इंडिया ने 127 रनों पर पांच विकेट गंवा दिए थे और टीम पर हार का संकट मंडरा रहा था, तब तेंदुलकर क्रीज पर उतरे थे।
तेंदुलकर ने पहले कपिल देव के साथ और फिर मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर टीम इंडिया को हार से बचाया था। तेंदुलकर उस मैच में 119 रन बनाकर नॉटआउट लौटे थे। पहली पारी में भी तेंदुलकर ने जबर्दस्त बल्लेबाजी करते हुए 68 रन बनाए थे। उस समय टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे और उन्होंने पहली पारी में 179 रन बनाए थे।
टीम इंडिया सीरीज का पहला मैच 247 रनों से गंवा चुकी थी, ऐसे में दूसरा टेस्ट मैच हारने का मतलब था कि इंग्लैंड को सीरीज में अजेय बढ़त मिल जाती, लेकिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के इरादों को पूरा नहीं होने दिया था। सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच भी ड्रॉ रहा था और इंग्लैंड ने सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली थी। तेंदुलकर ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैचों में 51 सेंचुरी और 463 वनडे इंटरनैशनल मैचों में 49 सेंचुरी जड़ी हैं। तेंदुलकर ने 2013 में अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच खेला था।