क्या मनोज कुमार लखनऊ कमांडेंट की कुर्सी लेने में हो हो पायेंगे कामयाब ?
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। आयकर विभाग के हजरतगंज कार्यालय में एक आईआरएस अधिकारी योगेन्द्र मिश्र ने दूसरे अधिकारी गौरव गर्ग को आफिस में ही बर्तन फेंक फेंक कर मारा, जिसकी चर्चा हर न्यूज पेपर और चैनल पर चल रही है। इससे भी बदत्तर घटना होमगार्ड विभाग के आफिसर्स मेस में 6 दिसंबर 2023 को हुयी थी। मेस में पार्टी चल रही थी और सभी अधिकारियों की मौजूदगी में मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार आये और वहीं खड़े जिला कमांडेंट मनोज कुमार का गर्दन पीछे से कसके पकड़कर धकियाते हुये आगे ले गये। इस अप्रत्याशित घटना से मनोज हकबका गये थे लेकिन उन्होंने उस दौरान कोई प्रतिक्रिया नहीं की। अगले दिन मनोज ने डीजी बी. के. मौर्य को लिखित शिकायत कर सुनील कुमार द्वारा किये गये दुव्र्यवहार के लिये कार्रवाई करने की मांग की।

मनोज ने ‘द संडे व्यूज़’ को बताया था कि डीजी को शिकायती पत्र दे दिया है और हर हाल में कार्रवाई होगी क्योंकि उन्होंने मेरी बेइज्जती की है। इस घटना से होमगार्ड विभाग में हड़कम्प मच गया और सभी कमांडेंट आक्रोश में थे लेकिन होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई ना कर मामले को दबा दिया। इतना ही नहीं, मंत्री ने मनोज कुमार को लखनऊ के करीब हरदोई पोस्टिंग कर अतिरिक्त जिले के तौर पर कमाई के लिये उन्नाव दे दिया। विभाग में चर्चा जोरो पर है कि अब मनोज कुमार को संभवत: लखनऊ का चार्ज थमा दिया जाये। लखनऊ तैनाती मनोज कुमार का पुराना सपना भी रहा है क्योंकि गोमतीनगर में ही उनका आवास है।
सवाल ये है कि आखिर मंत्री जी का ऐसा कौन सा नस दबा है कि उन्होंने सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की ? क्या बड़का जिला पाने की चाहत में मनोज कुमार इस हद तक गिर गयें कि उन्होंने मेस में सुनील द्वारा गर्दन मरोडऩे और धकियाये जाने की घटना भूल गये ? अब किसकी कौन सी नस कहां दबी है और कौन कुर्सी के आगे बेइज्जती को नजर अंदाज करता है, इससे किसी को क्या लेना-देना।
अधिकारी तो यही कह कर मजा ले रहे हैं कि होमगार्ड विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रहा है। होमगार्ड विभाग के अधिकारियों में आयकर भवन की घटना के बाद चर्चा जोरो पर है कि आखिर हमलोगों के विभाग में इससे भी बदत्तर घटना हुुयी थी लेकिन घटना को अंजाम देने वाले मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार को मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने ईनाम में प्रमोशन देकर मंडलीय कमांडेंट ग्रेट 2 बना दिया। आखिर मंत्री जी की कौन सी नस दबी है जो उन्होंने मामले की लीपापोती कर दी। इनकी जगह कोई सामान्य जाति वर्ग के अधिकारी होते तो अब तक राधेश मिश्रा या मनीष दूबे की तरह लटका दिये गये होते।
बता दें कि ‘द संडे व्यूज़’ ने 27 फरवरी 2025 को सवाल उठाया था कि क्या अपने जूनियर मनोज कुमार का गर्दन मरोडऩे वाले सुनील कुमार के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई ? खबर का सार कुछ इस तरह से है… होमगार्ड विभाग के आफि सर्स मेस में कमांडेंट मनोज कुमार का गर्दन मरोडऩे और जान से मारने की धमकी देने वाले मंडलीय कमंाडेंट सुनील कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने से मंत्री की हालत खराब हो रही है। क्या अनुशासन की धज्जियां उड़ाने वाले सुनील कुमार ने मंत्री या मुख्यालय के सीनियर अफ सरों के काले कारनामों का पुलिंदा दबा रखा है, जो वे उसके प्रति दयाभाव दिखा रहे हैं। एक तरफ पुलिस विभाग है जो अधिकारियों पर हमला करने वाले सिपाहियों को बर्खास्त कर देता है, उन्हें सजा करा देता है।
दूसरी तरफ, होमगार्ड विभाग है जो अपने नाम के अनुरूप ही काम भी करता है। यहां 6 दिसंबर 2023 में मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार ने हरदोई के जिला कमांडेंट मनोज कुमार की गर्दन मरोड़ी, सरेआम अन्य अधिकारियों के सामने जान से मारने की धमकी दी, किंतु मामले में कुछ नहीं हुआ। मनोज कुमार ने घटना के दिन ही डीजी बी.के. मौर्य को लिखिल शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी। मनोज ने बताया था कि मैंने डीजी साहेब तक अपनी बात लिखित रुप से पहुंचा दी है, जो वे उचित फैसला करें। डीजी बी.के. मौर्य ने इस मामले में जांच आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव शुक्ला को सौंप दी थी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी। सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सुनील कुमार को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिये भी लिखा गया लेकिन जांच रिपोर्ट को दबा दी गयी।
ये तब हो रहा है जब डी.जी. अनुशासन प्रिय स्वयं को घोषित करते हैं और अनीति के खिलाफ कार्यवाही की बातें करते हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जिला कमांडेंट मनोज कुमार के ऊपर जानलेवा हमला करने वाले मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार को किसका आशीर्वाद प्राप्त है ? क्या मंत्री जी या प्रमुख सचिव साहब उसको अपना प्रिय बनाये हुये हैं ? धर्मवीर प्रजापति वही मंत्री हैं जिन्होंने विभाग के बी.ओ. राधेश मिश्र को असभ्य चैटिंग और बातचीत के चलते बर्खास्त कर दिया था। कमांडेंट मनीष दूबे को ज्योति मौर्य से संबंधों के चलते निलंबित कर दिया था, किंतु इस मंडलीय कमांडेंट की बात आते ही मंत्री धर्मवीर प्रजापति की धार कुंद हो जाती है। क्या जातिवाद का खेल है या मुख्यालय के अधिकारियों की गर्दन दबी हुयी है ?
द संडे व्यूज़ मंत्री धर्मवीर प्रजापति से सवाल करता है कि क्या वे इस मंडलीय कमांडेंट के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं किये ? कमांडेंट मनोज कुमार को मारने के लिये ही उसे पुरस्कृत करते हुये प्रमोशन दे दिया ? मुख्यालय पर कौन वो अफसर है जिसने सुनील कुमार को बचाने के लिये गंदा कुचक्र रचा ? पता नहीं मंत्री जी की गर्दन कहां दबी हुई है जो सुनील कुमार के डर के मारे कुछ नहीं कर पाते। उल्टे सुनील कुमार का प्रमोशन कराकर उसे मंडलीय कमांडेंट ग्रेड 2 बनवा दिया।
सवाल यह है कि क्या मनोज कुमार इतना गिर गया कि अतिरिक्त चार्ज और बड़का जिले के चक्करसार्वजनिक बेइज्जती की घटना को भूल गया ? अब सुनाई पड़ रहा है कि मनोज को संतुष्ट करने के लिये मंत्री धर्मवीर प्रजापति उसे बड़का जिले में बैठाने वाले हैं। पिछले 2 साल से उसे चुप रखने के लिये ही उन्नाव का अतिरिक्त चार्ज भी दिये हुये हैं। बात जो भी हो,होमगार्ड मंत्री की कार्यशैली से जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की किरकिरी हो रही है वहीं विभाग के अधिकारी अपने ही माननीय पर हंस रहे हैं…।
क्रमश: