लखनऊ।हममें से बहुत से लोग वास्तु शास्त्र में विश्वास करते हैं। कई लोग घर के निर्माण से लेकर उसकी साज-सज्जा तक हर काम वास्तु शास्त्र के अनुसार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर घर का वास्तु अच्छा है। तो इसका घर के व्यक्ति और उनके जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र में वस्तुओं से जुड़े ऐसे कई नियम हैं और इनका सीधा संबंध मनुष्य की सुख-समृद्धि से माना जाता है।
मोमबत्तियां जलाने से घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है। ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर उसे सकारात्मक ऊर्जा में बदल देती हैं। कहा जाता है कि मोमबत्तियों से निकलने वाली ऊर्जा नकारात्मक ऊर्जा को काट देती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा अपने आप बढ़ जाती है।
मोमबत्तियां जलाने की दिशा
मोमबत्तियां जलाने के लिए जगह का चुनाव करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। घर की पूर्व, उत्तर-पूर्व और दक्षिण दिशा में मोमबत्तियां जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
किस रंग की मोमबत्तियां जलाएं
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में रोजाना पारिवारिक कलह होती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास नहीं होता और उस घर से सुख-समृद्धि भी रूठ जाती है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की अलग-अलग दिशाओं में इन रंगों की मोमबत्तियां जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। जिससे आपकी रूठी हुई किस्मत फिर से जाग सकती है। तो आइए जानते हैं घर में कहां किस रंग की मोमबत्ती जलानी चाहिए…
आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि घर के दक्षिणी हिस्से में लाल मोमबत्ती जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है।
घरेलू क्लेश से छुटकारा पाने के लिए
जिस घर में रोजाना मनमुटाव और लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहां नकारात्मक ऊर्जा होती है। इसका उस घर के लोगों की तरक्की पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण-पश्चिम कोने यानी अग्निकोण में पीले या गुलाबी रंग की मोमबत्ती जलाना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
मानसिक शांति के लिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद मोमबत्ती जलाने से घर के लोगों की क्षमताएं मजबूत होती हैं और आप मानसिक रूप से भी मजबूत बनते हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।