कोलकाता रेप कांड :सीबीआइ जांच में हो रहे सनसनीखेज खुलासे, सामने आ रही रोंगटे खड़े करने वाली सच्चाई


कोलकाता रेप कांड :सीबीआइ जांच में हो रहे सनसनीखेज खुलासे, सामने आ रही रोंगटे खड़े करने वाली सच्चाई

सीबीआइ ने संदिग्ध संजय रॉय को अदालत में पेश किया, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में आरोपित

जांच एजेंसी को मिली चार अन्य के पॉलीग्राफिक टेस्ट की अनुमति

धनीष श्रीवास्तव

दार्जलिंग,वेस्ट बंगाल। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई के सामने कई सनसनीखेज पहलू आ रहे हैं। जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि कैसे अपराध को बिना किसी बाधा के अस्पताल के उस सभागार में अंजाम दिया गया, जिसके दरवाजे की कुंडी टूटी हुई पाई गई थी। जांच के बारे में 3000 से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुके डॉ.अरिंदम कहते हैं कि यह आश्चर्य की बात है कि उस रात किसी ने युवा लड़की की आवाज नहीं सुनी… जबकि उसने आरोपियों का मजबूती से मुकाबला किया होगा। इन्हीं बातों से लगता है कि वारदात में अन्य लोग भी रहे होंगे। उन्होंने बताया कि सीबीआई के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अ्रॅाडिटोरियम के बाहर भी कोई व्यक्ति अपराधियों के अलावा मौजूद था ? उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी इसकी पुष्टि के लिये सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच अधिकारियों ने इस बात को लेकर भी हैरानी जताई कि जब चिकित्सक को प्रताडि़त किया जा रहा था तो सभागार के अंदर से कोई आवाज किसी को सुनाई क्यों नहीं दी ?

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी, जिसकी वजह से दरवाजा ठीक से बंद नहीं हो रहा था। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सभागार के बाहर मौजूद था। अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला कि दरवाजे की कुंडी टूटी होने की वजह से दरवाजा कुछ समय से खराब था। उन्होंने बताया कि पीड़िता 8-9 अगस्त की रात दो से तीन बजे के बीच सभागार में दाखिल हुई थी और ड्यूटी पर मौजूद एक चिकित्सक ने सभागार में उसे सोते हुए देखा था। चिकित्सकों से पूछताछ में पता चला कि दरवाजे की कुं डी खराब होने की जानकारी सभी लोगों को थी और इस कारण चिकित्सक उस रात दरवाजा बंद नहीं कर पाई थी।

सीबीआई ने शुक्रवार को भी मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी। इसके अलावा, एजेंसी ने गिरफ्तार संदिग्ध संजय रॉय को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस बीच सीबीआई ने संदीप घोष और अस्पताल के चार अन्य डॉक्टरों पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की कोर्ट से अनुमति ले ली है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सभागार में नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक का शव मिला था। कोलकाता पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अगले दिन रॉय को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथों में ले ली थी।

तत्काल नहीं लिया गया जरूरी एक्शन

जैसे ही इस घटना की जानकारी मिलीए तुरंत अथॉरिटी को उस जगह की घेराबंदी करनी होती है, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो। उसके बाद केवल पुलिस,फोरेंसिक टीम के अलावा किसी और को जाने नहीं देना चाहिये। जानकारी आ रही है कि इस घटना में यहां पर ऐसा नहीं हुआ। परिस्थितिजन्य सबूतों के साथ हुई छेड़छाड़ अरिंदम ने कहा कि अभी इसकी लंबी प्रक्रिया है। इसिलये जो सैंपल वहां पर मिले हैं, उनको मैचिंग करना है। अगर हम जितनी देरी करेंगे, सबूतों के नष्ट होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि जल्द से जल्द जांच को खत्म करना चाहिये। सीबीआई जांच में अभी तक तो किसी और को पकड़ा नहीं है। जिसे पकड़ा है, हमें नहीं पता है कि मैचिंग किया कि नहीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच कर रही है। अस्पताल में रात के समय में ज्यादा आदमी नहीं होते। रात को ज्यादा आना- जाना नहीं होता। जो लोग काम करते हैं, उसके अलावा वहां मरीजों के परिजन आते- जाते हैं। कोई बाहर से आया। आरोपित आए दुष्कर्म किया और फिर चला गये, यह कैसे हुआ। यह देखकर मैं खुद आश्चर्यचकित हूं। ड्यूटी बदलते समय डॉक्टर को क्यों नहीं खोजा गया। अरिंदम ने कहा कि ड्यूटी बदलते समय अगर डॉक्टर नहीं मिलीं तो निश्चित ही खोजबीन होनी चाहिये थी। अगर नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई। विभाग के लोगों से पूछताछ करनी होगी। क्यों ऐसा हुआ। यह तो पता लगाना चाहिये था कि जूनियर डॉक्टर नहीं तो कहां है। क्या हुआ और क्यों नहीं हुआ, यह जांच का विषय है।

साजिश के तार जोड़ रही सीबीआई

आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी की जांच कर रही सीबीआई का ध्यान इस बात पर है कि बिना किसी बाधा के सेमिनार हॉल में अपराध को कैसे अंजाम दिया गया।  एक अधिकारी ने कहा कि हॉल के दरवाजे में लगी सिटकनी भी टूटी मिली थी। सीबीआई अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सेमिनार हॉल के बाहर निगरानी के लिये भी खड़ा रहा ताकि अपराध को बेरोक-टोक अंजाम दिया जा सके। फिलहाल, जांच एजेंसी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी।

आरोपी संजय रॉय का भी होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, कोर्ट ने दी मंजूरी

सियालदह के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एसजेएम की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की सीबीआई को इजाजत दे दी। आरोपी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालत के बाहर एक डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे। इस बीच पीडि़ता की मां ने उसकी डायरी को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

पीडि़ता की मां ने बताया कि उसके सपने बहुत बड़े थे। वो डक् में गोल्ड मेडल पाना चाहती थी। इसके लिये वो खूब पढ़ाई भी कर रही थी। उन्होंने कहा कि सीएम ने 10 लाख देने की बात की, हमें पैसा नहीं इंसाफ चाहिये। पीडि़ता के परिवार ने बताया कि पीडि़ता की डायरी से तीन पन्ने फ टे हुये हैं। सीबीआइ इसकी जांच कर रही है। मां ने कहा कि पुलिस सब झूठ बोल रही है। जब पुलिस पर भरोसा किया, उन्होंने अपने तरीके से काम किया। पीएम से उम्मीद है इंसाफ मिलेगा। जैसे- जैसे देर हो रही है, आशा टूट रही है। मेरी बेटी गई, लेकिन करोड़ों बच्चे मेरे साथ जुड़े हैं। यही हमारी हिम्मत बढ़ा रहा है। हमें केंद्रीय जांच एजेंसी से न्याय की उम्मीद है।


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