जालौन। पवन याज्ञिक: तहसील माधौगढ़ कस्बे नगर क्षेत्र में देवठान का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। त्योहार प गन्ने की पूजा तुलसी विवाह और देवठान एकादशी के अवसर पर चारों ओर ग्वालिनें राधा कृष्ण के साथ माखन बाँटती नज़र आती हैं। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागते इसीलिए इस एकादशी को देवठान एकादशी भी कहते हैं।
इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे, विवाह आदि शुरू हो जाते देवठान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु के स्वरूप शालिगराम का देवी तुलसी से विवाह होने की परंपरा भी है। माना जाता है कि जो भक्त देवठान एकादशी के दिन तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। वहीं एकादशी व्रत को लेकर मान्यता है कि साल के सभी 24 एकादशी व्रत करने पर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राम दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओ। इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालिगराम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह किया। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।