बरेली। महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से लेकर शासन-प्रशासन काफी गंभीर है। लेकिन इज्जतनगर पुलिस महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। यहां पर कार्यवाही के नाम पर समझौता एक्सप्रेस चलाया जाता है और समझौता एक्सप्रेस ऐसा जिसके बारे में सोचने पर आप खुद मजबूर हो जायेंगे। थाना इज्जत नगर के एक इलाके की रहने वाली एक युवती ने पास के ही युवक पर छेड़खानी सहित काफी गंभीर आरोप लगाए, लेकिन 24 घंण्टे से भी अधिक का समय होने के बाद भी इज्जतनगर पुलिस ना तो जांच कर पाई और ना ही पीड़ित की तरफ से एफ.आई.आर दर्ज कर पायी।
महिला का आरोप है कि उसकी शिकायत को इज्जतनगर पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इज्जत नगर पुलिस ने कार्यवाही करने की बजाय उल्टा आरोपी से ही जाकर मिल गई और आरोपी पक्ष से मिलकर एक झूठा प्रार्थना पत्र पीड़ित के खिलाफ दिलवा दिया गया। दोनों ही तरफ से अब पुलिस दबाव बनाकर समझौता कराना चाहती है। वहीं पीड़ित का आरोप है कि दबंग घटना के बाद से ही अपने साथियों के साथ आकर उसके परिवार को डरा धमका रहा है। वहीं पीड़ित परिवार अब अपना घर छोड़ने को मजबूर है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक तरफ शासन महिलाओं और लड़कियों को लेकर काफी गंभीर होती नज़र आ रही है और उन्हें हर संभव सुरक्षा देने की बात कह रही है तो वही दूसरी तरफ इज्जत नगर पुलिस शासन प्रशासन के फरमान की धज्जियां उड़ाते नज़र आ रहे हैं।
ये है पूरा खेल:
अक्सर इस थाने में कारवाही के नाम पर पुलिस समझौता करने में पीछे नहीं हटती। अक्सर थाने के अंदर घुसते ही गेट से लेकर फरियादियों की लंबी लाइनें दिखाई देती है। लेकिन अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए समझौता एक्सप्रेस चालू करवा दिया जाता है। उसके बाद अगर पीड़ित परिवार को कोई तकलीफ होती है तो मामूली धाराओं में एनसीआर लिखकर खेल को खत्म कर दिया जाता है और पीड़ित परिवार से कहा जाता है कि एफ.आई.आर दर्ज कर ली गई है।