मंत्री धर्मवीर प्रजापति मीडिया से हैं नाराज! कहते हैं द संडे व्यूज़ को सबसे पहले खबर कौन पहुंचाता है ?
मंत्री जी, आपके चहेते आईजी विवेक सिंह को सीएम की नीतियों को लटकाने पर क्यों एसीएस दे रहे हैं नोटिस ?
बड़ा सवाल : द संडे व्यूज़ की खबरों से आखिर क्यों सहमे हैं मंत्री धर्मवीर प्रजापति ?
सवाल: अधिकारियों और कर्मचारियों के विश्वास का नाम बन चुका है द संडे व्यूज़
मंत्री जी, आपके ड्राइंग रुम के अंदर की बातें भी सबसे पहले अफसर द संडे व्यूज़ तक पहुंचाते हैं, अब क्या कहेंगे ?
आकाश पटेल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का होमगार्ड विभाग अपनी शानदार कार्यशैली से नहीं बल्कि ‘विवादों’ और ‘चापलूस अफसरों’ की वजह से सुर्खियां बटोर रहा है। अब देखिये, मुख्यमंत्री की नीतियों को पूरा करने के बजाये लटका कर रखने वाले आईजी विवेक सिंह पर एसीएस बी.एल. मीणा का गुस्सा हर दिन फूट रहा है। इसी बीच आईजी विवेक सिंह ने वरिष्ठ संवाददाता से कहा कि मंत्री जी ने एक दिन अपने आवास पर हमलोगों को बुलाया और कहा कि ‘द संडे व्यूज़’ के संजय पुरबिया को सबसे पहले खबर कहां से मिल जाती है ? कौन खबरें देता है…और तो और वो खबर छापकर सबसे पहले मेरे पास भेजता है…बताओ…। हालांकि आईजी विवेक सिंह ने जवाब भी दिया कि सर, उन्हें कौन नहीं जानता…। चाहें होमगार्ड हो या फिर अधिकारी, सभी उन्हें जानते हैं…। मंत्री जी, अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके घर के अंदर ड्राइंग रुम की बातें ‘द संडे व्यूज़’ तक पहुंच गयी…। सोचिये, अफसर आपके नहीं ‘द संडे व्यूज़’ के ‘मुरीद’ हैं…। मंत्री जी, शायद आपको मालूम नहीं कि ‘द संडे व्यूज़’ एक ‘तपस्या’ और ‘विश्वास’ का नाम बन चुका है। इस अखबार का नाम ही ‘व्यूज़’ रखा गया है ना कि ‘न्यूज’…मतलब हर वर्ग के लोगों की ‘विचारधारा’ को प्रमुखता के साथ यहां प्रकाशित किया जाता है। अवाम़ को मालूम है कि यदि ‘द संडे व्यूज़’ में दस्तावेज (डाक्यूमेंट) भेज देंगे तो वो खबर डंके की चोट पर छपेगी…चाहें वो खबर किसी मंत्री या नौकरशाही के खिलाफ ही क्यों ना हो। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ को आईजी विवेक सिंह की बातों पर पूरा भरोसा नहीं है लेकिन आखिर उन्होंने ये बात क्यों कही? सवालों के जवाब के लिये द संडे व्यूज़ मंत्रीजी का कॉल किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
मंत्री धर्मवीर प्रजापति के सवाल चौंकाने वाला इसलिये है कि आखिर वे मीडिया से इतने डरे क्यों हैं ? क्या उन्होंने होमगार्ड विभाग में कुछ गलत आदेश किया या फिर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं…। विवेक सिंह ने जिस मुस्कान के साथ कहा उससे ये तो साबित हो गया कि वो उनके बेहद करीब है तभी तो आईजी बनने के बाद डीआईजी, होमगार्ड, डीआईजी पुलिस (जब कभी आईजी पुलिस) अवकाश पर होते हैं, सभी जिम्मेदारियां इनके ‘कमजोर’ कंधों पर ही डाली जाती है। क्या मुख्यालय पर इनके अलावा काबिल अफसर नहीं हैं ?
आप सबको बता दें कि आईजी विवेक वही हैं, जो सदा से विभाग में गॉड फादर के भरोसे चलते रहें। पहले डीआईजी आर. बी.सिंह, आईजी शरद त्रिपाठी और फिर एसीएस अनिल कुमार का उन्हें वरदहस्त मिलता रहा। जिसके कारण विवेक सिंह होमगार्ड विभाग की मलाई को हमेशा लपलपाते रहें।
मंत्री जी, द संडे व्यूज़ अखबार नहीं एक ‘मिशन’ का नाम है और यदि आप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ काम करेंगे तो यही वो अखबार होगा, जिसमें प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित होंगी। वैसे भी आज से लगभग डेढ़-दो वर्ष पूर्व जब आपने मंत्री पद की शपथ ली थी तो सबसे पहले ‘द संडे व्यूज’ ने ही लिखा था कि ‘मैं मंत्री नहीं होमगार्डों का अभिभावक हूं’…फिर’ इंटरनेशनल मीनिस्टर हैं धर्मवीर प्रजापति’…प्रकाशित किया था।
खैर, मीडिया का काम सच को पूरी दमदारी के साथ और निष्पक्षता के साथ लिखने का है, जो ‘द संडे व्यूज़’ करता रहेगा…आपके के शानदार काम को बेहतरीन तरीके से प्रकाशित किया गया लेकिन अब ‘द संडे व्यूज़’ से क्यों इतना हलकान हैं, समझ से परे है। हम तो यही कहेंगे कि चंदा से निकलने वाले इस अखबार में हर जाति-मजहब के लोग स्वेच्छा से सहयोग करते हैं, क्योंकि सभी जानते हैं ये अखबार हमारा नही ‘हनुमान जी’, ‘नीम करोली बाबा’ का है…। इसलिये मीडिया से परेशान होने के बजाये उसका सामना करिये….
अगले अंक में-जूतम पैजार में फंसा होमगार्ड विभाग…यूपीएसआईडीसीओ से किसे मिलेगा कितना परसेंट कमीशन !