बलिया :बीएसए कार्यालय का क्लर्क अजय पाण्डेय है ‘करोड़ों की कोठी’ का ‘मालिक’


शहर के पॉश एरिया में करोड़ों की कोठी में आराम फरमाते हैं अजय पाण्डेय

तिखमपुर में छाया टॅाकीज के सामने है अजय पाण्डेय की करोड़ों की कोठी

कोठी देख चौंधिया जायेंगे आप…अंदर साज-सज्जा के सामान में है बेश कीमती

 पिन्टू सिंह

बलिया। सरकारी मुलाजिमों के दिलों-दिमाग में जब भ्रष्टाचार का ‘कीड़ा’ घुस जाता है तो फिर उनकी ‘ख्वाहिशें’ आसमान छूने की होने लगती है। उन्हें नहीं दिखता ‘सख्त सलाखें’ और ना ही शासनादेश की ‘घूरती निगाहें’, उन्हें तो बस चाहिये रुपईय्या…रुपईया…और रुपईय्या…। फिर क्या वे अपने अफसरों को भी भ्रष्टाचार का ‘घुन’ लगाकर करने लगते हैं भ्रष्टाचार की कमाई और बना डालते हैं ‘करोड़ों की कोठी’…। हम बात कर रहे हैं बलिया के बीएसए कार्यालय में तैनात क्लर्क अजय पाण्डेय की। पाण्डेय जी 100 प्रतिशत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस के ‘फैन’ हैं। इन्हें जीरो शब्द से इतना प्रेम है कि सरकार का नाम लेकर इनकी ही नीतियों को ध्वस्त कर बन गये हैं कई करोड़ के मालिक…। तभी तो इन्हें किसी का खौफ नहीं है और लग गए हैं रुपईय्या के आगे जीरो लगाने में…। आप तेा जान ही गये होंगे कि अजय पाण्डेय ने किस तरह से अपने बेटे को फर्जी तरीके से भर्ती कर शिक्षक बनाया लेकिन आज हम बतायेंगे कि इन्होंने जो करोड़ों रुपये कमाये हैं, उससे क्या-क्या बनाया।

बेसिक शिक्षा विभाग में अफसरों की बात छोडिय़े, यहां पर क्लर्क भी कई करोड़ के मालिक हैं। बलिया के बीएसए कार्यालय में तैनात क्लर्क अजय पाण्डेय का शहर के पॉश एरिया तीखमपुर रोड, बलिया में छाया टॉकीज के ठीक सामने आलीशान कोठी है। चार कटठा में बनें इस कोठी में शानो-शौकत की सारी चीजें हैं। यदि भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो अजय पाण्डेय के इस मकान की कीमत कम से कम तीन से चार करोड़ रुपये आंकी जा सकती है। इसी तरह,चार पहिया वाहन भी है। सूत्रों ने यह भी बताया कि श्री पाण्डेय के परिजनों के नाम से जिले में कई जमीनें भी हैं। सीधी बात करें तो अजय पाण्डेय मौजूदा समय सात से आठ करोड़ के मालिक हैं। बड़ा सवाल यह है कि एक अदना सा क्लर्क करोड़ों की संपत्ति कहां से अर्जित किया है,इसकी जांच होनी चाहिये।

सरकारी कर्मचारी एक छोटा सा आशियाना बनाने में पूरी जिंदगी लगा देता है,तब कहीं जाकर छोटा सा मकान बना पाता है। उसमें भी उसे लोन का सहारा लेना पड़ता है लेकिन जब एक अदना सा क्लर्क यदि शहर के पॉश एरिया में करोड़ों की कोठी बना ले और वो भी एक नहीं चार कट्ठा में तो सभी का चौंकना स्वाभाविक है। अजय पाण्डेय की आलीशान कोठी, सभी की निगाहों की किरकिरी बनी हुयी है। विभागीय कर्मचारी भी सोचते हैं कि आखिर ऐसा कौन सा अलाउद्दीन का जिन्न पाण्डेय जी के हांथ लगा जो कुछ सालों में ही वे करोड़पति बन गये? खैर, पाण्डेय जी पर यदि विभाग की नजरें थोड़ी सी टेढ़ी हो जाये तो ये आय से अधिक संपत्ति मामले में सीधे तौर पर नप सकते हैं।

बताया जाता है कि अजय पाण्डेय ने पूर्व बीएसए,बलिया मनीराम के कार्यकाल में दौरान ही अवैध काली कमाई की है। मौजूदा समय भी वे पत्रावलियों में हेर-फेर कर कमाई कर रहे हैं। चौेकाने वाली बात यह है कि वर्तमान बीएसए सब कुछ जानने के बाद भी खामोशी का चादर ओढ़ कर बैठे हुये हैं। इससे साबित होता है कि पाण्डेय जी सम्मोहन विद्या में पारंगत हैं तभी तो पूर्व और वर्तमान दोनों बीएसए इनके इशारों पर ताता थईया… करते रहे हैं। बहरहाल, मामला सामाजिक संस्थाओं के पास जा पहुंचा है जिस पर शीघ्र ही जांच हो सकती है। देखने की बात ये है कि पाण्डेय जी पर कब कार्रवाई की चाबुक चलती है।

इस बारे में जब अजय पाण्डेय के मोबाइल नंबर 9415683183 पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया।


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