चीन के साथ सेना स्तर की बातचीत का एक दौर आज होने को है। सीमा पर जारी गतिरोध को कम करने के लिए भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच यह बैठक आज चीन की तरफ मोलडो में होगी. आज दोनों सेनाओं के बीच कोर्प कमांडर स्तर की बातचीत होनी है। जानकारी के अनुसार इस बैठक में भारत, चीन से कहेगा कि अप्रैल 2020 की यथास्थिति से कम उसे कुछ भी मंजूर नहीं है। लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बैठक 5 वीं बार हो रही है। इससे पहले 14 जुलाई को भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच चुशुल में चौथे दौर की बातचीत हुई थी। जोकि लगभग 15 घंटे तक चली थी। आज भी कमांडरों की बैठक में दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव को और कम करने पर चर्चा होगी।
आशंका जताई गई है कि दक्षिण एशिया में खुलकर दखल के मौके तलाश रहा चीन अब भारत के बिना रीजनल फोरम बनाकर दबाव की नई रणनीति पर काम कर रहा है। हालांकि, नेपाल और अफगानिस्तान का रुख अभी रीजनल फोरम के पक्ष में नहीं है। लेकिन चीन और पाकिस्तान की साझा साजिश इस इलाके में भारत को परेशान करने की है। भारत ने स्थिति के अनुरूप सहयोगी देशों से संपर्क बढ़ाया है। भारत ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान जैसे देशों में अपना राजनयिक संपर्क बढ़ाया है। नेपाल पर भी भारत का रुख बहुत सधा हुआ है, लेकिन नेपाल का रुख डगमगाता हुआ दिख रहा है।
चीन ने कुछ दिन पहले पाकिस्तान के अलावा दक्षिण एशिया के दो अन्य देशों नेपाल और अफगानिस्तान के साथ कोविड-19 संकट के बहाने वर्चुअल बैठक की थी, लेकिन इसमें चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर और वन बेल्ट वन रोड इनीशिएटिव को लेकर भी भी चर्चा की गई थी।