होमगार्ड विभाग : अफसरों के खिलाफ फर्जी शिकायत कर बदनाम करने वाले जवान पर होगी कार्रवाई
सवाल: आखिर गाजियाबाद का रहने वाला होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह गौतमबुद्धनगर में कैसे है तैनात?
शासनादेश: जवान जिस जिले का रहने वाला हो,उसे उसी जिले में ही तैनात होना चाहिये,फिर सुरेन्द्र सिंह?
कमांडेंट का सवाल : शासनादेश का उल्लंघन करने वाले होमगार्ड पर होगी कार्रवाई?
कमांडेंट का सवाल : कहीं सुरेन्द्र सिंह ने भर्ती में फर्जी मार्क शीट तो नहीं लगाया: वेदपाल सिंह चपराना
संजय पुरबिया
गौतमबुद्धनगर। नोयडा में होमगार्ड विभाग के जिला कमंाडेंट कार्यालय का अग्निकांड़ अभी भी सभी के जेहन में है। आग उन आलमारियों में लगायी गयी,जिसमें करोड़ों रुपये के अवैध वसूली के दस्तावेज रखे थे। इस काम को अंजाम तात्कालीन कमांडेंट के खास गुर्गों होमगार्डों ने लगाया था। षडय़ंत्र का चक्रव्यूह इस तरह से रचा गया कि कमांडेंट बच निकला और मंडलीय कमांडेंट सहित कुछ कर्मचारियों को जेल की सजा हुयी। इस कांड़ के बाद कमांडेंट नोयडा की कुर्सी पर कोई बैठना नहीं चाहता था। सीधी बात करें तो कमांडेंट, नोयडा की कुर्सी को अधिकारी 'कांटों से भरा ताज'...कहते थे लेकिन इस चैलेंज को वेदपाल सिंह चपराना ने स्वीकार किया। श्री चपराना ने वहां जाकर ना सिर्फ 'अवैध वसूली' पर रोक लगायी बल्कि कर्मचारियों में व्याप्त 'भय' खत्म कर 'विश्वास का भाव' जगाया लेकिन उनके ट्रांसफर होने के बाद मुख्यमंत्री पोर्टल पर 18 जुलाई को लखनऊ की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रुपाली मिश्रा ने गौतमबुद्धनगर के पीसी और एक होमगार्ड के खिलाफ डॉयर 112 में ड्यूटी लगाने के नाम पर भ्रष्टाचार की शिकायत की,जिस पर पुलिस मुख्यालय स्तर से जांच करायी जा रही है। द संडे व्यूज़ ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया लेकिन जब शिकायत करने वाली रुपाली मिश्रा के मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो अमान्य नंबर बताया जा रहा है। शंका हुई, फिर तहकीकात शुरु...। जो तस्वीर निकल कर आयी,वो चौंकाने वाली है। शिकायत कराने वाला कोई और नहीं बल्कि गौतमबुद्धनगर में तैनात होमगार्ड 20883 सुरेन्द्र सिंह है। ये वही सुरेन्द्र सिंह है,जो यूपी-112आपात सेवाएं गौतमबुद्धनगर में दो पहिया पीआरवी पर चालक के पद पर तैनात था,जो ईद-उल-जुहा के दिन ड्यूटी पर होते हुये भी ड्यूटी प्वाइंट मस्जिद पर जाने से मना कर दिया था। पीसी धनदेश ने ड्यूटी पर लापरवाही,अनुशासनहीनता बरतने पर तात्कालीन कमांडेंट वेदपाल सिंह चपरानाा से इसकी शिकायत की। इस पर कमांडेंट ने उसकी ड्यूटी परेड पर रोक लगाते हुये कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। होमगार्ड द्वारा माफी मांगने पर उसे फिर से जिला कार्यालय पर बहाल कर दिया गया लेकिन पुलिस वालों ने उसे 112 पर रखने से मना कर दिया। इसके बाद होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सामाजिक कार्यकर्ता से शिकायत कराकर पीसी और होमगार्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत कर दी,जिस पर जांच चल रही है। खास बात तो यह है कि होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह निवासी एस- 17 सर्वोदयनगर,विजय नगर,गाजियाबाद की भर्ती 21 अगस्त 2003 में हुयी थी और तैनाती गौतमबुद्धनगर में है। नियमावली है कि जिस जिले का रहने वाले शख्स हो,उसकी भर्ती उसे जिले में की जाये। जब सुरेन्द्र सिंह गाजियाबाद का रहने वाला है तो वो गौतमबुद्धनगर में ड्यूटी कैसे कर रहा है? कहीं उसने फर्जी मार्कशीट तो नहीं लगा रखी है? जांच का विषय तो ये है...
आखिर में सवाल ये है कि जब होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह को जिला कार्यालय पर बहाल किया गया था तो उसने वहां ईमानदारी से काम क्यों नहीं किया? आखिर क्यों वो डायल 112 पर ही ड्यूटी करने का दबाव अधिकारियों पर बनाता रहा? ऐसा प्रतित होता है कि विभागीय अधिकारी,पीसी नहीं बल्कि शिकायत कराने वाला सुरेन्द्र सिंह ही भ्रष्टïाचार करना चाहता है। इस बारे में जब तात्कालीन कमांडेंट वेदपाल सिंह चपराना से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि 18 जून 2024 को पीसी धनदेश ने शिकायत की कि 17 जून 2024 को डॉयल 112 दो पहिया पीआरवी वाहन पर होमगार्ड सुरेन्द्र सिंह की ड्यूटी मस्जिद पर लगी थी। पुलिस विभाग के ड्यूटी मुंशी योगेन्द्र कुमार 1205 ने जाने को कहा लेकिन उसने जाने से मना कर दिया। इस पर 24 जून को मैंने सुरेन्द्र सिंह का कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये अग्रिम आदेश तक उसकी ड्यूटी परेड पर रोक लगाते हुये स्पष्टकरण मांगा। 5 जुलाई को उसने स्पष्टकरण देते हुये दुबारा काम में लापरवाही ना बरतने के लिये माफी मांगा,जिस पर उसे दुबारा बहाल कर दिया गया।
श्री चपराना ने बताया कि उसके बाद मेरा ट्रांसफर बिजनौर हो गया। मेरे कार्यकाल में ट्रांसफर होने तक एक भी आरटीआई, आईटीआरएस, मुकदमा और जांच नहीं था। ये साबित करता है कि मैंने यहां पर सुनी सबकी लेकिन की अपने मन की। यही वजह रहा कि कोई आरोप नहीं लगा लेकिन होमगार्ड ने जो जांच शुरू करायी है,उसमें वही दोषी साबित होगा। 'द संडेे द संडे' व्यूज़ की खबर से पता चला कि मुख्यमंत्री के यहां शिकायत की गयी है और उस पर जांच चल रही है तो यही कहूँगा कि पुलिस की जांच में सब कुछ साफ हो जायेगा क्योंकि जब उसे बहाल कर जिला कार्यालय पर तैनात किया गया तो उसने ईमानदारी से डयूटी क्यों नहीं की? आखिर डॉयर 112 में ही क्यों तैनाती करने का कर्मचारियों पर दबाव बना रहा था? इससे जाहिर होता है कि वहां तैनाती के दौरान उसकी ऊपरी कमाई होती होगी।
कमांडेंट श्री चपराना ने बताया कि जब शासनादेश है कि जिस जिले का जवान रहने वाला हो,उसकी तैनाती उसी जिले में होनी चाहिये,फिर सुरेन्द्र सिंह गाजियाबाद का निवासी है और गौतमबुद्धनगर में कैसे ड्यूटी कर रहा है? जांच का विषय तो ये है...।