चित्रकूट। संजय साहू: रगौली जिला जेल कारागार में बंद कैदी अनुसुइया उर्फ धर्मराज ने कल दोपहर साढ़े 3 बजे गमछे से फांसी लगाकर की आत्महत्या।
पुलिस द्वारा आनन फानन में जिला चिकित्सालय में लाते समय रास्ते मे ही कैदी ने तोड़ा दम 302 का मुलजिम था। वह 2012 में बाँदा में अपनी सजा काट रहा था। उसके बाद 2018 को चित्रकूट के रगौली जेल में शिफ्ट किया गया था और आजीवन कारावास की सजा काट रहा था कैदी।
बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के तालातीर का बताया जा रहा है, कैदी जो उसकी उम्र 60 वर्षीय थी। जेलर प्रकाश त्रिपाठी के अनुसार कैदी से कभी उसके परिजन मिलने नही आते थे। इसी के कारण शायद उसने फांसी लगा ली वही पीड़ित के परिजनों ने जेलर के और जेल के स्टाफ के ऊपर गंभीर आरोप लगाए है और कहा कि जब कैदी की पेशी कोर्ट में होती थी। तो हम मिलने आते थे।
लेकिन उसके बाद लाकड़ाउन के कारण मिल नही पाए और परिजनों ने बताया कि हर बार जब हम मिलने जाते थे। तो वहां के बंदी रक्षक 200 की मांग करते थे कई बार दिया भी लेकिन अब हमारे पास पैसे नही रह गए तो हमने मिलना कम कर दिया था।
यह एक बड़ा सवाल है कि जेल प्रशासन के नेतृत्व में बन्दियों से मिलने वाले परिजनों से हर दिन लोग लूटते है और जिले के आलाधिकारीयो को खबर तक नही है।