चंदौली। उमेश सिंह: खबर यूपी के चंदौली से है, यूपी पुलिस में तैनात कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से जुड़े ऐसे तमाम किस्से सामने आते हैं जो काफी हैरान करने वाले होते हैं और खाकी वर्दी को शर्मसार भी करते हैं। लेकिन कोरोना काल में अपनी ड्यूटी को निभाते हुए शहीद हुए इंस्पेक्टर अजय सिंह ने ईमानदारी की ऐसी मिसाल पेश की है। जिसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। प्रतापगढ़ में तैनाती के दौरान इंस्पेक्टर अजय सिंह कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
उनकी मौत के बाद यह जानकारी सामने आई उनके खाते में महज ₹200 ही शेष बचे थे और कुछ माह पूर्व ही अपने पीएफ पर लोन भी ले चुके थे। उनकी मौत से पूरे परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। मूल रूप से जिले के सदर तहसील के चनहटा गांव निवासी अजय सिंह जो कि यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर तक के पद पर तैनात थे। जिनकी पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत के बाद एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया उनके खाते में महज कुछ सौ रूपये ही बचे थे। इस दौरान उनकी ईमानदारी को देखते हुए कई जनप्रतिनिधि उनकी मदद को सामने भी आने लगे हैं।
इसमें बलिया जिले के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह भी शामिल है। बसपा विधायक चनहटा गावं पहुंचे और परिजनों से मिलकर परिजनों से संत्वना व्यक्त किया। शहीद अजय सिंह के पुत्र से उन्होंने काफी लंबी बात की और उनको आश्वस्त किया कि उनके पिता अपने कर्तव्य को निभाते हुए शहीद हुए है। आपको कभी यह न लगे कि वह नहीं है।हम लोगों की तरफ से जो भी हर संभव मदद होगी आप लोगों की जाएगी। बसपा विधायक ने शहीद के बेटे से कहा आप जो पढ़ाई करते हैं वो मन से करिये और आपके लिए आपके पिता ने जो सपना देखा है। अब उसके लिए हमारी तरफ से हरसंभव आपकी मदद और आपके परिवार की मदद की जाएगी।
इसके साथ ही बसपा विधायक ने कहा कि आज के इस भ्रष्टाचार के युग में भी ऐसे ईमानदार और कर्मठ पुलिसकर्मी पुलिस अधिकारी मौजूद है। जो गर्व की बात है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस परिवार की मदद के लिए निवेदन करेंगे और अपनी तरफ से हर संभव मदद भी करेंगे। इसके साथ ही बसपा विधायक ने 2 लाख का चेक शहीद के बेटे को दिया।