झांसी के बुलेट राजा (पार्ट 2) : जहां ‘तैनाती’ वहीं ‘पदोन्नति’!


पुलिस का फर्जी मोनोग्राम,फर्जी पीक कैप,फर्जी डबल स्टार लगाने वाले बीओ नीरज सिंह पटेल पर होगी कार्रवाई ?

पूर्व एडीजी,डीजी पी.के.तिवारी ने शासन में गलत मोनोग्राम लगाकर जाने पर तीन राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ एपआईआर करने का दिया था निर्देश

मुख्यालय पर तैनात एक अफसर खेल रहे हैं जाति-बिरादरी का गंदा खेल, बीओ है उन्हीं का मोहरा

संजय श्रीवास्तव

झांसी। होमगार्ड विभाग के बुलेट राजा बीओ नीरज सिंह पटेल के फर्जीवाड़ा की एक नहीं कई कहानियां है। राजनीति के मठाधीशों की तरह इस विभाग में भी जातिवाद का जहर फैल गया है। मुख्यालय पर इसी मानसिकता के कुछ अधिकारी, जनपदों में (कर्मचारियों) की गोटियां बिछा रखे हैं। जरुरी नहीं कि जिसने अपने नाम के आगे ‘सिंह’ लगा रखा हो,वो ‘ठाकुर’ साहेब ही हैं…। कुछ इसी तरह की सोच के अफसर मुख्यालय पर भी बैठे हैं जो अपने नाम के आगे ‘सिंह’ लगाकर ‘ठाकुर’ साहेब भी कहलाने का भ्रम फैला रखे हैं। ये लोग सूबे में जाति-बिरादरी का गंदा खेल खेल रहे हैं। अब झांसी के फ्राड बीओ नीरज सिंह पटेल की ही बात करें,तो इसने पुलिस विभाग का फर्जी मोनोग्राम लगाने, दो स्टार लगाने और पीक कैप लगाने का अपराध किया है। इसक अलावा इसकी भर्ती वर्ष 2016 में हवलदार प्रशिक्षक के पद पर हुयी। तैनाती जिला कमांडेंट कार्यालय, झांसी पर कर दी गयी। वर्ष 2022 में इसका प्रमोशन बीओ पद पर हुआ और उसके बाद भी इसे जिला कार्यालय, झांसी में ही तैनात कर दिया गया। कैसे…किस नियमावली के तहत ? बुलेट राजा कहां के बादशाह हैं,जो इनके लिये अफसरों ने नियमावली की धज्जियां उड़ा दी ? सीधी बात करें तो प्रमोशन के बाद भी उसी जनपद झांसी में तैनाती के लिये इसने मुंह खोलने वाले अफसरों के मुंह पर नोटों की गड्डियां मार दिया होगा ?  मुख्यालय पर बैठे आका जो सरनेम तो सिंह का लगाते हैं लेकिन हैं…ने पूरा आशीर्वाद नीरज सिंह पटेल पर रख दिया।बता दें कि पूर्व एडीजी,डीजी पी.के.तिवारी ने गलत मोनोग्राम लगाकर शासन में जाने पर पूर्व डीआईजी स्व. एस. के. सिंह, पूर्व जे.एस.ओ. सुनील कुमार और पूर्व कमांडेंट के.एच.मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश जारी कर दिया था। अब देखना है कि अपने को होमगार्ड विभाग का बीओ बताने में शर्मीदगी महसूस करने और पुलिस का फर्जी मोनोग्राम,दो स्टार लगाने व पीक कैप लगाने वाले नीरज सिंह पटेल के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराता है ?

बता दें कि ‘द संडे व्यूज़’ ने 9 जनवरी को होमगार्ड का बीओ पुलिस का फर्जी बैच लगाकर बना फर्जी दारोगा शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। खुलासा किया था कि किस तरह से झांसी के जिला कमांडेंट कार्यालय में तैनात बीओ पुलिस का फर्जी मोनोग्राम लगाकर बुलेट चला रहा है। इतना ही नहीं कायदे से बीओ पद पर होने की वजह से इसे एक बैच लगाकर चलना चाहिये लेकिन इसने कंधे पर दो बैच लगा रखा था और बैरेट कैप गोल टोपी लगाना चाहिये लेकिन इसने पीक कैप लगाकर बुलेट चला रहा है। ‘द संडे व्यूज’ ने फोटो सहित इस खबर को वायरल किया,जिसके बाद होमगार्ड विभाग और पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया। पुलिस विभाग के अफसरों ने तो यहां तक कह दिया कि होमगार्ड विभाग एक्श् ान लेता है तो ठीक वर्ना हमलोग कार्रवाई करेंगे…। झांसी में तैनात होमगार्डों ने बताया कि बीओ नीरज सिंह पटेल पुलिस का फर्जी मोनोग्राम लगाकर इलाका में पुलिस का दारोगा बताकर धन-उगाही भी ठीक ठाक करता है।

करता होगा लेकिन इसके बारे में पड़ताल करने के बाद पता चला कि वर्ष 2016 में नीरज सिंह पटेल हवलदार प्रशिक्षक पद पर भर्ती हुआ था और इसकी पहली तैनाती जिला कमंाडेंट कार्यालय,झांसी में हुयी थी। उसके बाद वर्ष 2022 में प्रमोशन हुआ और बीओ पद पर झांसी में ही तैनाती कर दी गयी। नियमत: इसका तबादला दूसरे जनपद में होना चाहिये लेकिन अफसरों ने ऐसा नहीं किया। क्यों,ये बताने की जरूरत नहीं समझता,आपलोग विद्वान हैं…। इस विभाग में मुख्यालय के कुछ अफसरों की वजह से आये दिन नियमों की धज्जियां उड़ती रहती है और जनमानस में ईमानदारी से काम करने वाले अफसरों को भी शर्मिंदा होना पड़ता है। विभाग की साख को बनाने और उसमें चार चांद लगाने का काम मुख्यालय पर तैनात एक नहीं सभी अफसरों की नैतिक जिम्मेदारी होती है।

थोड़ा पीछे चलें तो 1992 के दशक में इसी विभाग में डीआईजी आर.बी.सिंह हुआ करते थे। जब इनकी गाड़ी मुख्यालय गेट पर रूकती तो एक कर्मचारी बाहर नहीं दिखायी पड़ते थे। जिसे बाहर देख लिया,उसकी तो खैर नहीं होती…और अब होमगार्ड विभाग के बड़े साहेब की गाड़ी रुकती है तो चाटुकारिता करने वालों के चेहरों पर मुस्कान और सलामी ठोंक कर चरण वंदना करने की…। समझ गये ना…।

बताया जाता है कि झांसी का फर्जी दारोगा बन रंगबाजी रेलने वाले बीओ नीरज सिंह पटेल पर मुख्यालय पर तैनात सरनेम सिंह लिखने वाले अफसर का है लेकिन देखना है कि ऊपर भी बड़े अधिकारी बैठे हैं,क्या करते हैं?


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