झांसी में बुलेट राजा बीओ नीरज सिंह पटेल को बचा ले गये डीआईजी पियूष कांत, कमांडेंट ने दिया सिर्फ कठोर चेतावनी
जब डीआईजी के नीचले स्तर का कोई अधिकारी चेतावनी या कठोर चेतावनी नहीं दे सकता, फिर कमांडेंट ने क्यों ?
डीआईजी साहेब से सवाल : क्या पुलिस का बैज,फर्जी स्टार लगाने वाले बीओ को मिली कठोर चेतावनी मान्य है ?
सवाल : डीआईजी साहेब जब नियुक्ति अधिकारी आप हैं तो कमांडेंट शैलेन्द्र कुमार ने किस आधार पर दिया कठोर चेतावनी ?
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। पुलिस का बैज लगाकर,पी कैप पहनने के साथ ही डबल स्टार लगाकर बुलेट से घूमने वाले झांसी के बीओ नीरज सिंह पटेल के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाये डीआईजी,झांसीपियुष कांत और कमांडेंट शैलेन्द्र सिंह ने बचा लिया। शर्मनाक बात ये है कि पुलिस का बैज लगाने,पी कैप लगाने की खबर ‘द संडे व्यूज़’ ने प्रकाशित की, उसके बाद तो किसी सबूत की जरुरत नहीं होनी चाहिये। चौंकाने वाली बात ये भी है कि झांसी के डीआईजी पियूष कांत किसी कर्मचारी के चेतावनी, कठोर चेतावनी प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिये अधिकृत हैं, फिर कमांडेंट ने किस आधार पर बीओ नीरज सिंह पटेल को कठोर चेतावनी का पत्र जारी कर दिया, क्योंकि नियुक्ति अधिकारी ही किसी कर्मचारी को दंड दे सकता है….वर्दी का अपमान करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 अंतर्गत निर्धारित रैेंक बैज न धारण करना अपराध है, जिसके लिये तीन माह का कारावास और 200 रुपये के जुर्माने का प्राविधान है। फिर पुलिस का बैज और वर्दी का अपमान करने वाले बीओ पर डीआईजी और कमांडेंट की मेहरबानी हजम नहीं हो पा रहा है ? कहीं…?

बता दें कि ‘द संडे व्यूज़’ ने 9 जनवरी 2025 को शीर्षक ‘होमगार्ड का बीओ पुलिस का फर्जी बैज लगाकर बना फर्जी दारोगा, रेल रहा बुलेट से रंगबाजी’ खबर प्रकाशित किया था। खबर का सार इस प्रकार से है… यूपी का अनूठा विभाग का सेहरा यदि होमगार्ड विभाग पर बांधा जाये तो गलत नहीं होगा। यहां एक से एक धुरंधर भरे पड़े हैं। शराब पीकर ड्यूटी करने से लेकर फर्जी पुलिस का बैच लगाकर रंगबाज दारोगा बनने वालों को देखकर विभागीय अफसर मूंछों पर ताव देते हैं। झांसी के मंडलीय कमांडेंट पीयूष कांत और कमांडेंट शैलेन्द्र कुमार की निरंकुसता की वजह से ही फर्जी दारोगा सीनवा ठोंक कर पुलिस का बैच लगाकर बुलेट पर रंगबाजी ठोंकते हुये वसूली कर रहा है। मामला झांसी में देखने को मिला। यहां पर जिले में तैनात बीओ नीरज सिंह पटेल की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
आप देख सकते हैं कि होमगार्ड विभाग का बीओ कितनी बेहयाई से डबल स्टार लगाकर बुलेट पर बैठा है। वर्दी पर पुलिस विभाग का लाल-नीला मोनोग्राम लगा रखा है जबकि है होमगार्ड विभाग का बीओ। बता दें कि होमगार्ड विभाग मेंं बीओ लाल-काला मोनोग्राम लगाते हैं। पुलिस का मोनोग्राम लगाने पर कायदे से इसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत कार्यवाही होनी चाहिये क्योंकि ये अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस विभाग का निर्धारित रैंक व बैच लगाने के आरोप में भी इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये। लेकिन क्या होमगार्ड विभाग के अफसर इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे ?

मुख्यालय पर भी अधिकांश हवलदार प्रशिक्षक हैं,जो बीओ का स्टार लगाकर अफसरों के कमरे में जाते हैं और साहेब लोग देखकर चवन्नी मुस्कान मारकर चुप्पी साधे रहते हैं। नीरज सिंह पटेल इतना दबंग किस्म का है कि होमगार्ड मुख्यालय के सर्कुलर जारी होने के बावजूद निर्धारित रैंक, बैज का धारण नहीं करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि मेरा मसीहा मुख्यालय पर तैनात है। मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा। उसी मसीहा के बदौलत हवलदार से पदोन्नति होने के बावजूद झांसी में ही तैनाती करवा लिया।
नीरज सिंह पटेल इतना दबंग किस्म का है कि होमगार्ड मुख्यालय के सर्कुलर जारी होने के बावजूद निर्धारित रैंक, बैज का धारण नहीं करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि मेरा मसीहा मुख्यालय पर तैनात है। मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा। कर्मचारियों ने बताया कि बीओ पुलिस का बैच लगाकर अपने मंडलीय कमांडेेेंट पीयूषकांत और कमांडेंट शैलेन्द्र कुमार के सामने हाजिर होता है लेकिन किसी ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाया।
इस बाबत डीआईजी, झांसी पियूष कांत ने बताया कि कमांडेंट ने बीओ को कठोर चेतावनी दे दिया है और मैंने भी उसे खूब डांटा है। नियुक्ति अधिकारी आप हैं,फिर कमांडेंट शैलेन्द्र कुमार ने किस नियमावली के तहत कठोर चेतावनी दे दी,इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं था।