संजय निषाद ने मोर्चा खोला
ब्यूरो,लखनऊ। महाकुंभ में एक नाविक परिवार द्वारा 30 करोड़ रुपये की कमाई करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर राजनीति गरमा गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमाई की जांच की मांग की है। संबंधित नाविक के हिस्ट्रीशीटर होने की बात के साथ यह प्रश्न भी उठाया गया है कि इतनी कमाई कैसे हुई? अखिलेश ने इसे सत्ता संरक्षण में श्रद्धालुओं के साथ लूट की कहानी करार दिया है।

इसके बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद ने पलटवार किया और सपा अध्यक्ष के बयान को निषादों का अपमान बताया। कहा कि सपा पिछली बार हाफ हो गई थी, अगली बार साफ हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में कहा था कि एक नाविक परिवार को प्रयागराज महाकुंभ में 130 नावों के सहारे 30 करोड़ रुपये की आय हुई है। इसे लेकर अखिलेश ने एक्स पर एक स्क्रीनशाट शेयर किया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि संबंधित नाविक पिंटू महरा का आपराधिक इतिहास है। उन्होंने लिखा कि इसकी सच्चाई की पड़ताल हो। अगर एक परिवार ने अकेले 30 करोड़ रुपये कमाए हैं तो जीएसटी कितना मिला, ये भी बताएं।
अखिलेश ने फूलों के कचरे में सिक्के तलाशने के फोटो के साथ लिखा, ‘कोई करोड़ों की कमाई की कहानी सुना रहा है संसार में और इधर कोई सिक्के ढूंढ़ता रह गया गंदगी के अंबार में।’ प्रदेश पर कर्ज को लेकर लिखा कि सरकार ने जनता के गले में डाला कर्ज का नौलखा हार। जनता पूछ रही है इसमें महाकुंभ की कमाई का तीन लाख करोड़ रुपये घटा के हो रही है बात या अलग है उसका हिसाब?
अखिलेश के लगातार हमलों के जवाब में संजय निषाद ने मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि नाविकों को लोगों ने श्रद्धा से सौभाग्य पाने के लिए पैसे दिए हैं। उनकी कमाई को लूट की संज्ञा देना निषाद समाज का अपमान है। उन्हें नाविकों की कमाई दिखाई दे रही है, लेकिन काली कमाई वाले नहीं दिख रहे हैं। इनके शासनकाल में न जाने कितनों ने काली कमाई की।
सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण का सबसे अधिक लाभ मिल्कमैन (यादव बिरादरी) ने लिया। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी 30 करोड़ की कमाई पर प्रश्न उठाते हुए पूछा कि आप भले ही आपराधिक रिकार्ड भूल जाएं, पर यह बताएं कि क्या कमाई पर जीएसटी चुकाई गई? यह विवरण क्या यह नहीं दर्शाता है कि श्रद्धालुओं को ठगा गया।