लखनऊ: पहले की सरकारें मत्स्य विभाग को महत्वपूर्ण नही मानती थी: मंत्री लक्ष्मी नारायण


मंत्री लक्ष्मी नारायण

लखनऊ। प्रदेश में मत्स्य पालन से जुड़े लोगों के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वर्ष 2020 -21 से 2024 -25 की अवधि हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा मत्स्य पलको के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा लागू की गई। लक्ष्मी नारायण ने बताया की वर्ष 2019 में प्रदेश का मत्स्य उत्पादन 5.74 वार्षिक वृद्धि दर से 6. 99 लाख टन हुआ है तथा प्रदेश की जीडीपी में मत्स्य उत्पादन का योगदान 37% है। 6.28 वार्षिक वृद्धि दर से प्रदेश में 30287.81 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन वर्ष 2019-20 में किया गया है।

प्रदेश में मथुरा, अलीगढ़ क्षेत्र में खारे पानी के कारण अनुउपयोगी भूमि का उपयोग करते हुए श्रिम्प फार्मिंग का उत्पादन सफलतापूर्वक प्रारंभ हो चुका है। जिसके लिए आगामी 5 वर्षो में 4000 हेक्टेयर में ब्रेकिस वाटर में फिश फार्मिंग हेतु 588 करोड़ की योजना केंद्र सरकार को प्रेषित की गई है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होने बताया की तीन वर्षों में 2215 मछुआ आवास सक्रिय मत्स्य पालको को आवंटित किए गए।134014 मछुआरों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत पंजीकृत किया गया है। 4786 मत्स्य पालको को 48.12 करोड़ के किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए गए । जलाशयों की नीलामी प्रक्रिया ई टेंडर / टेण्डर प्रणाली के द्वारा किया जा रहा है। राजस्व विभाग के माध्यम से प्रदेश की नदियो में मत्स्य प्रबंधन व्यवस्था हेतु नीति का प्रख्यापन किया गया है।

अपको बता दें की वर्ष 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत कुल धनराशि 406.096 करोड़ की परियोजना प्रस्ताव भारत सरकार को केन्द्रांश धनराशि रुपये 124.28 करोड रुपए प्राप्त करने हेतु प्रेषित किया गया है।


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