चन्दौली। उमेश सिंह: युपी के चन्दौली जनपद में भले ही केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के द्वारा ग्रामीण अंचलो मे ग्रामीणों को विकास की मुख्य धाराओं से जोडने के लिए मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाए को संचालित कर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
जिससे ग्रामीण अंचल मे भी शहरो की तर्ज पर आवास शौचालय पेय जलापुर्ती सडके हास्पिटल जैसी मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध हो सके। लेकिन शासन के लाख प्रयास तथा करोड़ों खर्च के बाद भी ग्रामीण अंचल मे जमीनी स्तर पर बिकास की मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जा सका है। लेकिन शासन की योजनाएं ग्राम प्रधान ब्लाक के कर्मचारियों की कमाई का प्रमुख जरिया बन गयी है। जिससे की सरकार की महत्वपुर्ण योजनाओं में ग्रहण लगता नजर आ रहा है। तथा विकास की योजनाएं कागजों में ही विकास की योजनाएं की कोरमपुर्ती कर गांवो मे विकास की मुख्य धाराएं दिखा दी जा रही है जिससे शासन की योजना दम तोडती नजर आ रही है तथा ग्रामीण अंचल के गांव आज भी बिकास के इंतजार मे है।
दरअसल पुरा मामला चकिया तहसील के कुंआ गांव का है, जहां ग्रामीणो ने गांव मे खडंजा आवास शौचालय मनरेगा जैसी मुलभुत सुविधाओं मे ग्राम प्रधान समेत ब्लाक के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करते हुए बताया कि गांव मे जहां चारो तरफ गंदगी का अंबार है। वही आवास शौचालय जैसी महत्वपुर्ण योजना मे भी गांव की राजनीति हावी है। पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है जिससे नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए गांव के बिकास कार्यो की सोशल आडिट की मांग उठाई है।