नई दिल्ली । शिवम सिंह राणा । राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजमाता सिंधिया भाजपा के बड़े चेहरों में से एक थीं। उनका जन्म 12 अक्टूबर, 1919 को हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्म शताब्दी के अवसर पर तथा सरकार की ओर से राजमाता सिंधिया के सम्मान में यह 100 रुपये का सिक्का जारी किया है।
इस अवसर पर मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजमाताजी केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं थी। वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं।
मोदी ने कहा कि हम में से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की। मोदी ने कहा कि साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थीलेकिन जब वो भगवान की उपासना करती थीं, तो उनके पूजा मंदिर में एक चित्र भारत माता का भी होता था। भारत माता की भी उपासना उनके लिए वैसी ही आस्था का विषय था।
राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। ये भी कितना अद्भुत संयोग है कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया था, उनकी जन्मशताब्दी के साल में ही उनका ये सपना भी पूरा हुआ है।