फ़िल्म जगत की हस्तियों ने किया स्वागत, कहा योगी हैं तो यकीन है


अनुपम खेर,अभिनेता: आज का मौका उत्सव का है। योगी जी की क्षमता पर सभी को भरोसा है। यूपी की फ़िल्म सिटी यूपी में तो होगी लेकिन पूरी दुनिया इसे अपना मानेगी। यह ताजमहल की तरह ही दुनिया भर को आकर्षित करने वाली हो। इसकी स्थापना की पहली बैठक में आमंत्रित कर योगी जी ने हमें इतिहास में दर्ज कर दिया। योगी जी के इस सपने को साकार करने में अगर मैं भी भागीदार हो सका तो यह मेरा सौभाग्य होगा।

परेश रावल, चेयरमैन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा: बहुत स्वागतयोग्य कदम है। योगी जी यह स्वप्न पूरा भी करेंगे, मुझे विश्वास है। फ़िल्म पटकथा लेखन को लेकर योगी जी कोई प्रयास करें तो बहुत सहायता मिलेगी। यह रीजनल सिनेमा को भी पुनर्जीवन देने वाला आयाम सिद्ध होगा।

राजू श्रीवास्तव, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश फ़िल्म बन्धु: मुझे हर्ष है कि योगी जी ने फ़िल्म जगत को नया विकल्प देने की दिशा में कोशिश की है। यह छोटे-छोटे शहरों की अद्भुत प्रतिभाओं के हौसलों, सपनों को पंख देने वाला होगा। मैं हर समय, पूरी क्षमता के साथ सेवा के लिए प्रस्तुत रहूंगा। योगी जी को आभार, अभिनन्दन।

मनोज जोशी, अभिनेता: अद्भुत और अनुपम प्रयास है। पंजाबी, बंगाली, हिंदी, सहित 12 भारतीय भाषाओं के फिल्मोद्योग का महाद्वार होगी यह फ़िल्म सिटी। इसे इको-फ्रेंडली बनाने की कोशिश हो। आज ओटीटी प्लेटफार्म पर हिंदी पट्टी की कहानियां छायी हुई हैं। आज 70 फीसदी टेक्नीशियन उत्तर प्रदेश के हैं। रंग कर्म में यूपी अत्यंत समृद्ध है। इन सभी को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में यह नवीन फ़िल्म सिटी अत्यंत उपयोगी हो सकती है। यह प्रदेश के औद्योगिक, पर्यटन विकास को नई दिशा प्रदान करने वाली होगी।

अनूप जलोटा, गायक: बहुत अभिनन्दनीय प्रयास है। इसके लिए पूरी दुनिया के फ़िल्म सिटीज का अध्ययन किया जाना चाहिए। उनकी खूबियों, कमियों को समझना चाहिए। आवश्यकताओं के लिहाज से सुविधाएं दी जाएं। यह दुनिया के लिए महत्वपूर्ण प्रयास है। मेरी शुभकामनाएं।

कैलाश खेर, गायक: आज जब योगी स्वयं नेतृत्व कर रहे हैं, तो कोई भी कार्य असाध्य नहीं है।दुनिया में फ़िल्म सिटी के नाम पर लाखों किले खड़े हैं, लोगों ने 70 साल में क्या हाल कर दिया कि घिन आती है, शर्म आती है। उत्तर प्रदेश देवताओं की पुण्य भूमि है। दुनिया को राह दिखाने वाली है।योगी जी की यह दुनिया भारतीय संस्कृति को पोषित करने वाली हो। कला साधकों को सम्मान मिले। ऐसा जरूर होगा, यह मेरा विश्वास है। बाकी योगी जी आदेश करें, हम धावक हैं दौड़ पड़ेंगे।

सतीश कौशिक, निर्माता निर्देशक: यूपी शूटिंग फ्रेंडली जगह रही है। मैंने बहुत काम किया है यहां। आज का दिन पूरी दुनिया के कला क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। योगी जी फ़िल्म जगत को एक नवीन विकल्प दे रहे हैं। आज जो प्रेजेंटेशन दिखाया गया, वह हमें एक बेहतर भविष्य की छवि दिखा गया। आपने हम कलाकारों को एक नया आधार दिया है। यूपी की संस्कृति ने भारतीय फिल्मों को शुरू से ही प्रभावित किया है, अब यहां की फ़िल्म सिटी पूरी दुनिया को प्रभावित करेगी। मेरी बहुत शुभकामनाएं, योगी जी को बहुत धन्यवाद।

उदित नारायण, पार्श्व गायक: योगी जी ने बहुत कम समय में बहुत खूबसूरत काम किया है। ऐसे में फ़िल्म सिटी की घोषणा से हम सभी का उत्साहित होना लाजिमी है। मैं 40 साल फ़िल्म जगत का हिस्सा रहा हूँ। योगी जी के इस बड़े सपने को साकार करने में अगर मैं भी कुछ योगदान कर सका तो जीवन को धन्य समझूंगा।

मनोज मुन्तशिर, गीतकार: योगी जी ने करोड़ों प्रतिभाओं को पंख दे दिए। 75 साल से हिंदी पट्टी इसका इंतजार कर रही थी। यूपी की भाषा तो दुनिया में फैल गई, लेकिन यूपी की कहानियां नहीं सुनाई गईं। योगी जी से अनुरोध है कि एक फ़िल्म इंस्टिट्यूट और म्यूजिक इंस्टिट्यूट की स्थापना की दिशा में भी विचार करें। आल्हा ऊदल, महामना मालवीय जैसे महामानवों से नई पीढ़ी को परिचित कराने की कोशिश हो।मुझे आज यूपी वाला होने पर बहुत गर्व है।

ओम राउत, फ़िल्म निर्माता: बहुत शानदार विजन है। हम इस फ़िल्म सिटी में आर्टिस्ट, टेक्नीशियन आदि की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी कर सकें, तो बेहतर होगा। यूपी में अब भी फिल्मों का प्रसार बहुत कम है। Nथियेटर कम हैं। यहां विकास की बहुत संभावना है। यूपी की यह फ़िल्म सिटी नई प्रतिभाओं को मंच देने वाली होगी। योगी जी को हृदय से धन्यवाद।

अशोक पंडित, अध्यक्ष फ़िल्म निर्देशक संघ: फ़िल्म सिटी के निर्माण में फ़िल्म जगत के लोगों को शामिल करने की सोच योगी जी की सकारात्मकता का प्रतीक है। प्रोड्यूसर, टेक्नीशियन, एक्टर, हमारी इंडस्ट्री के इन्फ्रास्ट्रक्चर हैं। इनका इनवॉल्वमेन्ट होना, इस बड़े प्रोजेक्ट के सफल होने की गारंटी है। योगी जी के विजन ‘बियांड द ग्लोब’ रहा है। निश्चित ही यह फिल्मसिटी भी इसी विचार का प्रतिबिंब होगी। हमारी पूरी इंडस्ट्री कंधे से कंधा मिलाकर आपके सपने को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

विवेक अग्निहोत्री, फ़िल्म निर्माता: योगी जी की अभिनव सोच और तत्परतापूर्ण क्रियान्वयन को प्रणाम। बहुत ज़रूरी और बहुप्रतीक्षित प्रयास है। हिंदी फिल्मोद्योग को एक नवीन आधार मिलेगा। ईश्वर आपके साथ हैं सर।

नितिन देसाई, कला निर्देशक: योगी जी के विजन को सैल्यूट। फ़िल्म केवल नृत्य-संगीत ही नहीं है। लाखों को रोजगार, अरबों का व्यापार, हुनर और हौसलों को सलाम भी है। जो प्रस्ताव यूपी का है वह इंटरनेशनल फ़िल्म जगत को आकर्षित करने वाला है। देवताओं की जन्मस्थली है उत्तर प्रदेश। धर्म, संस्कृति, कला का अद्भुत संगम है यहां। यह फ़िल्म सिटी यूपी को और समृद्ध करेगी।हम सभी इस विजन को सफल करने में हम संभव मदद करने के लिए तैयार हैं।

सौंदर्या (तमिल सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी, फ़िल्म निर्माता:) भारत में अब भी एनिमेशन इंडस्ट्री नहीं है। आज की फिल्मों में इसका बड़ा असर है। योगी जी अगर इस दिशा में कोशिश हो, तो बड़ी सुविधा होगी। फ़िल्म सिटी की स्थापना की घोषणा के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को बहुत धन्यवाद।

विजयेंद्र प्रसाद, निर्देशक: योगी जी में बहुत क्षमता है। इन्होंने जो कार्य सोचा है वह ज़रूर कर सकेंगे। मेरे योग्य कोई कार्य हो, तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा।

विनोद बच्चन, फ़िल्म निर्माता: यूपी में फिल्मसिटी का सपना, दशकों से है। आज वो सपना योगी जी ने देखा है। अब पूरा होना तय है। इसके निर्माण में फ़िल्म जगत के विद्वान तकनीशियनों का जितना सहयोग लेंगे, उतना ही यह प्रोजेक्ट सफल होगा। मैंने अपनी फिल्मों में हमेशा से ही यूपी को रिप्रेजेंट किया है। बस इस सपने को यूपी बनाम महाराष्ट्र न बनने दिया जाए। हमसे जो बन सकेगा, हम करने के लिए पूरी क्षमता से तैयार है। अब यह और गति पकड़ेगा। एक महत्वपूर्ण बात, फ़िल्म स्क्रीन की कमी है, योगी जी छोटे-छोटे कस्बों तक पहुंचाने के लिए कुछ प्रयास करें तो बड़ी मदद मिलेगी। महत्वपूर्ण यह भी है कि अच्छे सिनेमा को ही प्रोत्साहित किया जाए।

शैलेश सिंह, निर्माता-निर्देशक: जेम्स कैमरन आज दुनिया की सबसे मंहगी फ़िल्म न्यूजीलैंड में बना रहे हैं। हमें समझना होगा कि फ़िल्म सिटी केवल बिल्डिंग या सेट्स की जगह प्रोवाइड करा देना भर नहीं होता। यह एक संस्कृति है। अगर हमने उन जैसे लोगों को बेहतर माहौल दिया, संस्कृति दी तो वह लोग भी यहां ज़रूर आएंगे। फ़िल्म सिटी केवल उत्तर प्रदेश बस लोकेशन बन कर न रह जाये, बल्कि एक संस्कृति के रूप में विकसित हो। यूपी सरकार की विल पॉवर देखकर ऐसा होने का विश्वास भी होता है।


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