ब्यूरो, लखनऊ। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद प्रदेश में शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की आशंका को देखते हुए सभी जिलों में सतर्कता और बढ़ा दी गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने जम्मू-कश्मीर से आए लोगों व छात्र-छात्राओं की सुरक्षा काे लेकर भी कड़े निर्देश दिए हैं। जिससे उनके साथ कहीं कोई अप्रिय घटना न हो।

नेपाल सीमा से लेकर अंतरराज्यीय सीमाओं पर चेकिंग बढ़ाने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में दंगा निरोधक उपकरणों के साथ पुलिस व पीएसी को मुस्तैद किया जा रहा है। हाई अलर्ट के तहत सभी जिलों में सुरक्षा उपकरणों के साथ फ्लैग मार्च निकालने व इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों पर कड़ी नजर रखे जाने का निर्देश दिया गया है।
संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी का निर्देश भी दिया है। प्रदेश से अब तक लगभग 100 मुस्लिम पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया है। पुलिस के अनुसार एक महिला को 30 अप्रैल को पाकिस्तान वापस भेजा जाएगा। डीजीपी ने कहा है कि प्रदेश की सीमाओं पर प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय बनाकर निरंतर प्रभावी चेकिंग कराई जाए। सभी टोल प्लाजा पर भी पुलिस तैनात कर निगरानी बढ़ाई जाए।
संवेदनशील क्षेत्रों में राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में दंगा निरोधक उपकरणों के साथ अतिरिक्त पुलिस, पीएसी बल की तैनाती किए जाने, किसी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में दंगा नियंत्रण अभ्यास कराए जाने, सभी सुरक्षा उपकरणों को दुरुस्त रखे जाने, सभी सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील व उनकी फीड सुरक्षित रखने के अलावा धार्मिक स्थलों व उनके आसपास पुलिस गश्त बढ़ाए जाने का निर्देश भी दिया।
कहा, इस बात को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जाए कि धार्मिक स्थलों.पूजा स्थलों पर किसी प्रकार की कोई आपत्तिजनक सामग्री चस्पा न हो अथवा दीवार पर कुछ लिखा न जाए। सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर चेकिंग बढ़ाए जाने, कट्टरपंथियों. असामाजिक तत्वों का थाना स्तर पर चिन्हित कर उन पर कड़ी नजर रखे जाने, स्थानीय अभिसूचना तंत्र को और सक्रिय किए जाने का निर्देश भी दिया गया है।