पीसीएस-2024 की परीक्षा में यूपी ही गायब, पूछे गए पंक्चर बनाने से संबंधित प्रश्न


बहुत ही कम रह सकती है मेरिट

ब्यूरो, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2024 प्रारंभिक परीक्षा को एक नए और व्यापक ढांचे के साथ पहली बार राज्य के 75 जनपदों में आयोजित किया तो सही, लेकिन परीक्षा का प्रश्नपत्र खुद परीक्षार्थियों के कुछ प्रश्नों के घेरे में भी है।

यूपीपीसीएस की परीक्षा में यूपी ही गायब रहा। इस बार यूपी से जुड़े प्रश्न बिल्कुल पूछे ही नहीं गए। अफसरों के चयन के लिए इस परीक्षा में पंक्चर बनाने से संबंधित प्रश्न भी चर्चा में है। प्रश्नपत्र में कथन-कारण के प्रश्नों की भरमार रही। घुमावदार व तर्क में गुथे प्रश्नों ने परीक्षार्थियों को उलझा दिया।

यूपीपीसीएस के प्रश्नपत्र में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का पैटर्न दिखा तो परीक्षार्थी उलझ गए। प्रतियोगी छात्रों ने इसे अब तक का सबसे कठिन प्रश्नपत्र करार दे दिया। प्रश्नों को हल करने में परीक्षार्थियों को अपेक्षाकृत अधिक समय लगा। अर्थव्यवस्था के सेक्शन में जटिलता अधिक थी।करंट अफेयर्स के प्रश्नों में तथ्यों की भरमार थी।

इसमें सरकारी योजनाओं के प्रीमियम तक पूछे गए, लेकिन लोकसभा चुनाव, ओलिंपिक और कुंभ जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं को नजरअंदाज किया गया। परीक्षा के प्रश्नपत्र से उत्तर प्रदेश ही नदारद रहा।विशेषज्ञों और प्रतियोगी छात्रों के अनुसार परीक्षा में नवाचार और तकनीकी उपायों से पारदर्शिता में सुधार हुआ, लेकिन प्रश्नों की गुणवत्ता और समसामयिकता पर ध्यान कम दिया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि आयोग की आधिकारिक कुंजी आने के पश्चात कथन-कारण वाले प्रश्नों को लेकर विवाद होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त कुछ प्रश्नों में त्रुटियां भी बताई गई हैं।

छात्रों का कहना है कि अर्थव्यवस्था वाले सेक्शन में अर्थव्यवस्था का जनक वाला प्रश्न त्रुटिपूर्ण है। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में एक यह भी सवाल आया- साइकिल के ट्यूब का पंक्चर ठीक करने के सही क्रम का चयन करें।अफसर बनाने वाली परीक्षा में पंक्चर पर प्रश्न को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर प्रतियोगी छात्रों ने लिखा- अब यूपीपीएससी स्किल ट्रेनिंग पर जोर दे रहा है, जिसका उदाहरण है पंक्चर बनाने का क्रोनोलाजी वाला प्रश्न। यह भी तंज कसा गया- अब अगला सवाल होगा…पंखा झाड़ने के सही तरीके बताएं।सबसे ज्यादा भूगोल के प्रश्नप्रारंभिक परीक्षा में सर्वाधित 29 प्रश्न भूगोल के रहे। इतिहास के 26, पर्यावरण के छह, अर्थव्यवस्था के 28, राजव्यवस्था के 22, विज्ञान के 16, करेंट अफेयर्स के 21 और विविध श्रेणी में दो प्रश्न रहे।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि यह प्रश्नपत्र शायद अब तक का सबसे कठिन प्रश्नपत्र रहा। सतही तैयारी या रटने वाले आकड़ों से दूर, व्यापक रूप से मुख्य परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र ही कुछ हद तक सहज नजर आए। गाइड और तथ्य पढ़ कर गए छात्रों के लिए प्रश्नपत्र कठिन था। इस बार मेरिट बहुत ही कम रह सकती है। लड़कों का परीक्षा केंद्र मंडल तो लड़कियों का जिले के बाहर कर दिए जाने से परीक्षा में उपस्थिति कम हुई है। 2013 के बाद इतनी दूर परीक्षा देने जाना पड़ा है।


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