संवाददाता, कानपुर। जिले से तबादला, स्थानांतरण और बर्खास्तगी के बाद भी सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार स्तर के 17 अधिकारियों-कर्मचारियों से जबरन 23 लाख रुपये वसूले जाएंगे। कई बार नोटिस के बाद अब जिला प्रशासन कुर्की भी कर सकता है। इनके आवासों पर रखा सामान जब्त हो सकता है।

प्रदेश के उन्नाव, प्रयागराज, इटावा, लखनऊ, सहारनपुर, शामली, गोंडा, कुशीनगर में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों ने अभी तक कानपुर में सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं। 13 फरवरी को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से इन सभी के विभागाध्यक्षों के नाम पर अर्थदंड के साथ किराया वसूली का नोटिस भेजा गया था। इसके बाद रिमाइंडर दिया गया। इसके बावजूद अभी तक आवास खाली नहीं हुए हैं।
एक नायब तहसीलदार ने आवास खाली करने के लिए सहमति दे दी है, लेकिन जुर्माना राशि से बचने के लिए वे चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें भी दो टूक जवाब मिल गया है कि धनराशि जमा ही करनी पड़ेगी। 28 फरवरी को सात आवासों की बिजली काटने के लिए भी नोटिस फिर से भेजे जा चुके हैं। सर्किट हाउस, रावतपुर, सरसैया घाट, मेडिकल कालेज, गोविंद नगर में इनके कब्जे वाले आवास खाली कराने के लिए बेदखली नोटिस दिया गया है। एडीएम सिटी डा.राजेश कुमार ने बताया कि रिमाइंडर भेजा गया है। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रणधीर सिंह आरक्षी, शिरोमन सिंह जीएसवीएम मेडिकल कालेज, संदीप कुमार सिंह अभियोजन अधिकारी, व्यास नारायन उमराव नायब तहसीलदार, प्रज्ञा पांडेय समाज कल्याण अधिकारी, यशवंत राव उपजिलाधिकारी, अजयकांत कनौजिया अभियोजन अधिकारी, नीरज सिंह नर्सिंग आफीसर, सुरेंद्र सिंह वाणिज्यकर, जयंत कुमार अनुसेवक नजारत कलेक्ट्रेट (सेवानिवृत्त), डा.नीलिमा कुंवर सीएसए विश्वविद्यालय, कार्तिकेय यादव बर्खास्त लिपिक कलेक्ट्रेट, हैदर नकवी बर्खास्त अमीन, विनीत तिवारी बर्खास्त लिपिक (मृतक) के स्वजन, जीपी गौतम जिला विकास अधिकारी, राजकुमार अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी।
मीडिया प्रभारी केस्को, देवेंद्र कुमार वर्मा ने बतायाअधिशासी अभियंता के नेतृत्व में जांच के बाद जिला प्रशासन की ओर से मिली सूची के आधार पर सरकारी आवासों के बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है। बकाया बिल की भी नोटिस भेजकर वसूली की जाएगी।