. भाजपा जीत गयी तो दो से तीन माह में योगी को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे -अरविंद केजरीवाल
. मैं एक योगी हूं,मेरे लिये नेशन फस्र्ट है-योगी आदित्यनाथ
. मैं देश,सनातन,हिन्दू धर्म के लिये एक बार नहीं बल्कि 100 जन्म लेकर भी सत्ता को ठुकरा सकता हूं…
संजय पुरबिया
लखनऊ। ‘आग लगाने वालों को कहां खबर…,रुख हवाओं ने बदला तो खाक वे भी होंगे…।‘ सियासत में जब सत्ता की ‘भूख’ लगती है तो आग लगानी कोई बड़ी बात नहीं। परवाह नहीं कि माननीयों द्वारा बोले गये शब्दों का असर क्या पडऩे वाला है। ‘जुबानी जंग’ जारी है,क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल…। सभी अपने-अपने तरकश से ‘तीर’ चला रहे हैं। कोई ‘हवा में तीर’ मार रहा है तो किसी का ‘तीर निशाने’ पर लग रहा है। ‘विकास’ की बातें अब किनारे हो गयी है क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने जो ‘हवाई तीर’ मारा है,वो सीधे भाजपाईयों के दिलों में ‘धंस’ गयी है। केजरीवाल के बयान पर गौर करें… ‘भाजपा जीत गयी तो दो से तीन माह में योगी को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे…।’ इस बयान के बाद मानों सियासत में ‘भूचाल’ आ गया। अब भला भाजपा के शीर्ष पदों पर आसीन लोग कैसे शांत बैठते, खुद मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ ने बयान देेकर मतदाताओं के मन को शांत करने का प्रयास किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘केजरीवाल की बुद्धि भी भ्रम में पड़ गयी है,ये जेल जाने का एक रिएक्शन है। जब व्यक्ति जेल में जाता है तो उसकी बुद्धि भी पलट जाती है। मैं एक योगी हूं,मेरे लिये नेशन फस्र्ट है। मैं देश,सनातन,हिन्दू धर्म के लिये एक बार नहीं बल्कि 100 जन्म लेकर भी सत्ता को ठुकरा सकता हूं। मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है। सब कुछ जनता जनार्दन के लिये है।’ बात जो भी, सभी अपने तरकश से तीर चला रहे हैं लेकिन सत्ता के गलियारों से लेकर शहरी व गंवई मतदाताओं के बीच सवाल-जवाब तेज हो गये हैं…। केजरीवाल की बातों में कितना दम है,क्योंकि वे तो आग लगा गये लेकिन उत्तर प्रदेश में इस आग की धुआं काफी अर्से से उड़ रही है। देखते हैं लोकसभा चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आता है क्योंकि इंडिया गठबंधन और भाजपा दोनों अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं…
लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिये जो जुबानी जंग छिड़ी है,उसे देख यही लग रहा है कि इस चुनाव में सरकार किसी की बनें, उन्हें जनता-जनार्दन के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। यही वजह है कि चार चरणों के मतदान में मतदाताओं की बेरुखी और खामोशी ने सरकार की बेचैनी को बढ़ा दिया है। ऐसा कहीं नहीं लग रहा कि लोकसभा चुनाव चल रहा है…। मतदाता खामोश है और ऐसा लग रहा है कि उसे इस चुनाव में सरकार किसकी बनेगी,इसमें भी रूची नहीं है। चार चरणों में जिस तरह से मतदान का ग्राफ नीचे गिरा है,उसकी वजह मतदाताओं की नाराजगी और मौसम की तपीश भी बतायी जा रही है लेकिन विकास के मुददें की बात करें तो अब आगामी 20 मई को चौथे चरण का मतदान होना है और ‘विकास’ के मुद्दे नदारद हैं। भाजपा हो या फिर इंडिया गठबंधन,सभी दल के लोग अपने तरकश से जुबानी तीर चलाने शुरु कर दिये हैं। ये सच है कि मतदाता खामोशी की चादर ओढ़े बैठे हैं लेकिन उनकी निगाहें सभी दलों द्वारा दिये जा रहे बयानों पर गिद्ध की तरह लगाये बैठे हैं। अरविंद केजरीवाल 16 मई को लखनऊ आये और संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में भाजपा पर हमला बोलते हुये कहा कि इनकी सरकार बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दो-तीन माह में मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे…। सच्चाई यह है कि केजरीवाल ने प्रेस कान्फ्रेंस में दमदारी के साथ ये बात बोल गये लेकिन सूबे की हवाओं में लंबे समय से ये बातें धुआं बनकर उड़ रही थी।
केजरीवाल के बयान के बाद 17 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फतेहपुर के जोनिहा कस्में में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केेजरीवाल पर जमकर हमला बोलते हुये कहा कि जेल जाने से उनकी बुद्धि भी भ्रम में पड़ गयी है। मैं एक योगी हूं,मेरे लिये नेशन फस्र्ट है। मैं देश,सनातन,हिन्दू धर्म के लिये एक बार नहीं बल्कि 100 जन्म लेकर भी सत्ता को ठुकरा सकता हूं। मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है। सब कुछ जनता जनार्दन के लिये है। खैर,आखिरी चरणों तक ही जुबानी जंग चलेगी और जनता-जनार्दन खूब मजा लेकर अपने हिसाब से मतदान केन्द्रों तक जायेंगे। लेकिन,सियासत की दुनिया से लेकर आम जनमानस के बीच चर्चाओं में काफी पहले से चल रही है कि सरकार बनने के बाद क्या मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ हटा दिये जायेंगे ? आखिर ये धुआं क्यों उठ रही है…। मैं ता यही कहूंगा कि ये जनता है सब जानती है…।