कुछ सप्ताह में पूरा होने जा रहा राम मंदिर निर्माण कार्य
आजादी के सात दशक बाद बदला समय का चक्र
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े हैं। समृद्धि के सोपान तय किए हैं। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार व शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया।
भौतिक प्रगति के लिए आध्यात्मिक व मानवीय प्रतीकों की रचना की। काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया। कोणार्क जैसे मंदिर बनाए। सारनाथ और गया में प्रेरणा दायित्वों का निर्माण किया। नालंदा व तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों की स्थापना की। गुलामी के कालखंड में अत्याचारियों ने सबसे पहले इन प्रतीकों को ही निशाना बनाया।आजादी के बाद सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं किया गया। सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण तक का विरोध किया गया था। यह सोच दशकों तक देश पर हावी रही। आजादी के सात दशक बाद समय का चक्र फिर घूमा है।
अब देश लाल किला से गुलामी की मानसिकता की मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व की घोषणा कर रहा है। सोमनाथ से शुरू हुआ काम अभियान बन चुका है। पीएम उमरहा में विहंगम योग संत समाज के 100वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण किया और कहा कि आज काशी में विश्वनाथ धाम की भव्यता भारत के अविनाशी गौरव की गाथा गा रही है। महाकाल हमारी अमरता का प्रमाण दे रहे हैं। केदारनाथ धाम विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।बुद्ध सर्किट का विकास करके दुनिया को बुद्ध की तपोभूमि पर आमंत्रित कर रहा है। राम सर्किट के विकास के लिए तेजी से काम हो रहा है। अगले कुछ सप्ताह में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होने जा रहा है। तीर्थों का विकास भी हो रहा है। देश में विकास की रफ्तार क्या है, इसकी झलक अकेला बनारस ही दिखा देगा।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर का निर्माण हुए दो साल पूरे हो चुके हैं। बनारस में रोजगार व व्यापार नई तेजी पकड़ चुका है। यहां शहरों को जोड़ने वाली सड़कें सिक्स व फोरलेन हो चुकी है। रिंग रोड बनी है।रेलवे स्टेशनों का विकास, नई ट्रेनों की शुरुआत, डेडिकेटेड ट्रेन कारिडोर, एयरपोर्ट पर सुविधा विस्तार, गंगा के घाटों का पुनर्निर्माण, क्रूज संचालन, आधुनिक अस्पतालों का निर्माण, नई आधुनिक डेरी की स्थापना व किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए मदद समेत हर कार्य में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय मौजूद रहे।
सदाफल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाना अनुयायियों का दायित्व पीएम मोदी ने कहा कि विहंगम योग संस्थान जनकल्याण के लिए समर्पित है। सदाफल देव जी योग निष्ठ संत होने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे। आजादी के अमृतकाल में उनके संकल्पों को आगे बढ़ाना उनके अनुयायिओं का दायित्व है। विहंगम योग साधना की यात्रा 100 वर्ष पूरी कर चुकी है।महर्षि सदाफल जी ने पिछली सदी में ज्ञान और योग की दिव्य ज्योति प्रज्वलित की थी। इस पुण्य अवसर पर यहां 25,000 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। महायज्ञ की हर एक आहुति से विकसित भारत का संकल्प और सशक्त होगा। गांव विश्वस्य मातर: का आदर्श वाक्य व्यवहार का हिस्सा बनेगा तो भारत और तेजी से विकसित होगा।
पीएम ने कहा कि सरकार, समाज व संत मिलकर काशी का कायाकल्प कर रहे हैं। स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। यह महामंदिर महर्षि सदाफल जी की शिक्षाओं व उपदेशों का प्रतीक है। मंदिर की दिव्यता जितनी आकर्षित करती है, इसकी भव्यता उतना ही अचंभित करती है। स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक व आध्यात्मिक समार्थ्य का आधुनिक प्रतीक है।