रोहतास| राहुल मिश्रा | बिहार में एक ओर जहां किसान धान, गेंहू जैसे पारंपरिक फसलों की खेती कर अपनी जीविका चला रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रोहतास जिला अंतर्गत सासाराम प्रखंड के अकाशी गांव निवासी मनोज कुमार ने पारंपरिक खेती से हटकर अलग फसलों की खेती करके जिले में अपनी पहचान बना ली है।
लॉकडाउन ने किसान मनोज कुमार की तोड़ी कमर
कोविड-19 को लेकर देश में लगाये गये लॉकडाउन ने बड़े से बड़े उद्योगपतियों और व्यवसायियों समेत किसानों की भी कमर तोड़ दी है। इनमें से मनोज कुमार भी एक किसान हैं। मनोज कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से इस बार उन्हें खेती में तकरीबन आठ से नौ लाख रुपए का नुकसान हुआ। लॉकडाउन में नुकसान के बाद से लेकर अब तक वो किसी भी प्रकार की खेती नहीं कर पाये हैं।
लॉकडाउन ने कर दिया बर्बाद
मनोज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के पूर्व स्ट्रॉबेरी, मशरूम, शिमला मिर्च सहित अन्य प्रकार की फसलों से तीन से चार गुना का मुनाफा कमाते थे। लेकिन इस लॉकडाउन ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। पैसे के अभाव में इस बार किसी भी फसल की खेती नही कर पाये।
वैज्ञानिकों के बात को साबित किया गलत
मनोज कुमार रोहतास जिले के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती करके अपनी पहचान बनायी और साथ ही रोहतास जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती नहीं हो सकती जैसे कृषि वैज्ञानिकों के दावों को भी फेल कर दिखाया। मनोज कुमार की ओर से अपनायी जा रही आधुनिक खेती को देखकर आज सैकड़ों किसान मनोज कुमार से प्रेरणा लेकर नई खेती की तकनीक अपना कर लाखों कमा रहे हैं।
आधुनिक खेती को लेकर हो चुके हैं सम्मानित
मनोज कुमार अपनी आधुनिक खेती की तकनीक को लेकर जिला स्तर से राज्य स्तर तक सम्मानित किये जा चुके हैं। जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती के अलावा घरों में मशरूम की खेती सहित अन्य प्रकार की खेती को लेकर रोहतास जिलाधिकारी के अलावा वर्ष 15 फरवरी 2019 में भी राज्यपाल ने भी उन्हें सम्मानित किया था।
यूट्यूब के माध्यम से जानकारी लेकर करते हैं खेती
मनोज कुमार बताते हैं कि जब जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की थी, तो उन्हें कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी। साथ ही साथ जिले में मौजूद कृषि से जुड़े कृषि वैज्ञानिकों के अलावा पदाधिकारियों को भी इसके बारे में पूर्ण जानकारी नहीं थी। तब उन्होंने यूट्यूब के माध्यम से स्ट्रॉबेरी, मशरूम और शिमला मिर्च सहित अन्य प्रकार की खेती की तकनीक को जाना और यूट्यूब के माध्यम से ही इसकी खेती करके उन्होंने सफलता हासिल की।