योगी के 8 साल बनाम शिशिर के 7 साल…


 संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर साल बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों का तबादला होता है लेकिन इस बार के तबादले में एक नाम ऐसा है,जिसके आने के बाद राजनीतिक गलियारों,मीडिया से लेकर नौकरशाही खेमे में हंगामा खड़ा हो गया। सभी भौंचक हैं। वो नाम मुख्यमंत्री के सबसे करीबी माने जाने वाले सूचना निदेशक, आईएएस शिशिर सिंह का है। शिशिर को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है। तमाम तरह की चर्चाएं हो रही है। कयासों का दौर जारी है लेकिन एक बात तो है कि सीएम योगी के शानदार, उतार-चढ़ाव भरे कार्यकाल में सभी मोर्चों पर एक कुशल सेनापति के रुप में शिशिर मुख्यमंत्री के साथ डटकर खड़े रहें और लोकप्रियता के पायदान पर चढ़ते चले गये। मीडिया में सभी तबके के पत्रकारों के बीच तो वे खासे लोकप्रिय रहें और इस बात की भी चर्चा है कि योगी के 8 साल बनाम शिशिर सिंह के 7 साल बेहतरीन पारी रही।

33 आईएएस अफ सरों के तबादले हुये हैं इसमें एक नाम शिशिर सिंह का भी है। यह पहला वाक्या है जब किसी आईएएस क तबादले के बाद इतनी सुर्खियों मिली हो। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि आखिर योगी के इस खास अफसर को क्यों हटाया गया। चलिये जब बात चल ही रही है तो शिशिर सिंह के बारे में भी थोड़ा बतिया लिया जाये…। शिशिर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं। 11 दिसंबर 1967 को जन्में शिशिर ने एमए तक पढ़ाई की, इसके बाद उन्होंने यूपीपीएससी के माध्यम से वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सिविल सर्विसेज महकमे में आये। इसके बाद उन्हें वर्ष 2019 में आईएएस के पद पर प्रमोट किया गया। वह 31 मई 2019 से आईएएस के रूप में काम कर रहे हैं। शिशिर सिंह को यूपी सरकार के कल्चरल व इन्फार्मेसन डिपार्टमेंट का स्पेशल सेक्रेटरी बनाया गया, हालांकि अलग- अलग रिपोर्ट के मुताबिक शिशिर सिंह 2018 से सूचना व संस्कृति विभाग के निदेशक के पद पर कार्यरत थे। उन्हें इस पद पर लगभग 7 साल हो चुके थे। सूचना निदेशक की कुर्सी पर बैठते ही आईएएस अधिकारी शिशिर सिंह ना केवल उत्तर प्रदेश सरकार के काम को प्रदेश तथा देश भर में फैलाया बल्कि विदेशों तक में उत्तर प्रदेश की खूबसूरत छवि को प्रचार-प्रसार करने का काम किया।

उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाले शिशिर सिंह जब उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक बनाये गये थे तो किसी ने नहीं सोचा था कि वे अखबारों, टीवी चैनलों तथा सोशल मीडिया के द्वारा उत्तर प्रदेश की शानदान छवि को दुनिया भर में स्थापित कर सकेंगे। प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ,जिसे देश-विदेशों में खूब सराहा गया। इतना ही नहीं बल्कि डिजीटल की दुनिया में तहलका मचाने और हर दिन सुर्खियों में छाया रहने वाला महाकु म्भ की सफलता में जितना श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है उतना ही शिशिर सिंह को भी,क्योंकि डिजीटल की दुनिया से यूपी को नई पहचान दिलाने वाले यही थे। अब हर किसी को पता है कि उत्तर प्रदेश की उपस्थिति दुनिया के हर कोने में है।

बताया जा रहा है कि उनका कार्यकाल काफ़ी लंबा हो गया था,जिसकी वजह से उन्हें इस पद से हटाकर एमएसएमई विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया है। योगी आदित्याथ का इस विभाग पर काफ़ी फोकस रहता है। इसमें कोई शंका नहीं कि शिशिर सिंह की मौजूदगी में नमामि गंगे से लेकर महाकुम्भ और मुख्यमंत्री के सभी ड्रीम प्रोजेक्ट में बेहतरीन तरीके से काम हुआ है। आखिर में,तबादला तो सिस्टम का एक पार्ट है लेकिन जिस तरह से शिशिर सिंह का तबादला हुआ और सुर्खियां मिली,वो साबित करता है कि वे नौकरशाही,पत्रकारिता जगत और अपने शुभचिंतकों के बीच किस कदर लोकप्रिय नौकरशाह,भाई थे। शिशिर सिंह के जाने के बाद उनकी जगह पर भदोही डीएम विशाल सिंह को सूचना निदेशक बनाया गया है।


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