इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 और 17 सितंबर को मनाई जा रही है। इस दिन विश्वकर्मा जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है। कहते हैं कि विश्वकर्मा जी शिल्पकला और वास्तुकला में निपुण थे। इसलिए ही शिल्प और वास्तु के क्षेत्रों से जुड़े लोग विश्वकर्मा जी को अपने गुरु के रूप में पूजते हैं। कहते हैं कि इस दिन ऋषि विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में वृद्धि होती है।
यह व्यापार में तरक्की के लिए पूजा करने का बहुत शुभ समय माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन सही विधि से पूजा की जाये तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
विश्वकर्मा पूजा के दिन कंपनियों में अबीर गुलाल लगाकर कर्मचारी एक-दूसरे को विश्वकर्मा पूजा की बधाई देते हैं। इस दिन लोग अपने लोहे के औजारों की पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा मंत्र (Vishwakarma Mantra)
ओम आधार शक्तपे नम:।
ओम् कूमयि नम:।
ओम अनन्तम नम:।
पृथिव्यै नम: मंत्र।