किस जिले में कितने प्रतिशत मतदान
- जिला – वर्ष 2017 – वर्ष 2022
- बांदा – 59.65 – 60.80
- फतेहपुर – 59.58 – 60.07
- हरदोई – 59.55 – 58.99
- लखीमपुर खीरी – 68.47 – 67.15
- लखनऊ – 58.45 – 60.05
- पीलीभीत – 67.05 – 67.16
- रायबरेली – 60.76 – 61.90
- सीतापुर – 68.59 – 62.66
- उन्नाव – 60.23 – 57.73
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे चरण में नौ जिलों की 59 सीटों के लिए बुधवार को 61.65 प्रतिशत वोट डाले गए। यानी लगातार चौथा चरण भी मतदान के लिहाज से फर्स्ट डिवीजन पास हो गया। सबसे अधिक मतदान पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले में 67 प्रतिशत से अधिक हुआ। सबसे कम वोट उन्नाव जिले में 57.73 प्रतिशत पड़े हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में इन सीटों पर कुल 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, विधान सभा सीटों में सबसे अधिक 71 प्रतिशत मतदान पीलीभीत की बरखेड़ा में हुआ है। खीरी की निघासन में 69.39 प्रतिशत व सबसे कम 52.60 प्रतिशत वोट सीतापुर विधानसभा सीट पर पड़े हैं। छिटपुट शिकायतों को छोड़कर मतदान शांति पूर्ण रहा। इसके साथ ही 91 महिला सहित 624 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। वहीं करहल क्षेत्र के जसवंतपुर बूथ पर पुनर्मतदान में 75.83 फीसद वोटिंग हुई।
- उत्तर प्रदेश विधानसभा के चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा व फतेहपुर जिले में मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष एवं भयमुक्त मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बीच मतदान सुबह सात बजे से शुरू हुआ। पहले दो घंटे में यानी सुबह नौ बजे तक करीब नौ प्रतिशत ही मतदान हुआ। दिन में 11 बजे तक 22.62 प्रतिशत वोट पड़े। इसके बाद मतदान में तेजी आई और दिन में दोपहर एक बजे तक 37.42 प्रतिशत मत पड़ चुके थे। शाम पांच बजे मतदान 57.45 प्रतिशत हो गया था। शाम छह बजे वोट डालने का समय था किंतु कई जिलों के पोलिंग बूथों पर लंबी कतारें होने के कारण मतदान देर तक चलता रहा। लखीमपुर खीरी जिले की लखीमपुर में 68.54, श्रीनगर में 68.10, धौरहरा में 67.31, मोहम्मदी में 67, कस्ता व गोला गोकरननाथ सीट पर भी 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि चौथे चरण में नौ जिलों के 13,817 मतदान केंद्रों के 24,643 पोलिंग बूथों पर वोट डाले गए। इनमें से 874 आदर्श मतदान केंद्र थे जबकि 142 पिंक बूथ बनाए गए थे, जिनमें सिर्फ महिला कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। दिव्यांग मतदाताओं के लिए जिलों में व्हील चेयर और जगह-जगह पर वालंटियर की व्यवस्था भी की गई थी। चौथे चरण के चुनाव को निष्पक्ष, भयमुक्त और शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 860 कंपनियां तैनात की गई थी। चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए आयोग ने एक वरिष्ठ सामान्य प्रेक्षक, एक वरिष्ठ पुलिस प्रेक्षक व दो वरिष्ठ व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए थे। इसके अलावा 57 सामान्य प्रेक्षक, नौ पुलिस प्रेक्षक व 18 व्यय प्रेक्षक पहले से तैनात थे। चुनाव के लिए कुल 1,15,725 कर्मियों को लगाया गया था।
- आचार संहिता उल्लंघन की दर्ज हुईं 865 शिकायतें : चौथे चरण में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की कुल 865 शिकायतें दर्ज हुईं हैं। इनमें 503 शिकायतें फ्लाइंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस टीम एवं अन्य ने दर्ज कराई हैं। इन पर विधिक कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 362 शिकायतें मोबाइल एप सी-विजिल पर सीधे प्रदेशवासियों ने की हैं। जांच के दौरान 71 शिकायतें सही पाई गईं हैं, इन पर कार्रवाई की गई है।
पोस्टल बैलट से 52,512 मतदाताओं ने दिया वोट : चौथे चरण में 52,512 मतदाताओं ने पोस्टल बैलट से अपने वोट डाले। कुल चार श्रेणियों 80 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांगजन, अनिवार्य सेवाएं एवं मतदान कर्मियों को कुल 60,585 पोस्टल बैलट दिए गए थे। इसके अलावा 23,485 सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक माध्यम से पोस्टल बैलट भी भेजा जा चुका है।
डेढ़ प्रतिशत बदली गईं ईवीएम : चौथे चरण में डेढ़ प्रतिशत ईवीएम में खराबी आई। सुबह माकड्रिल के समय 0.45 प्रतिशत बैलट यूनिट, 0.53 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट व 0.93 प्रतिशत वीवीपैट खराबी आने के कारण बदली गईं। इसके बाद मतदान के दौरान भी 0.26 प्रतिशत बैलट व इतनी ही कंट्रोल यूनिट बदली गईं। इसी प्रकार वीवीपैट भी 1.27 प्रतिशत बदली गईं।