योगी सरकार की अनोखी पहल- वृंदावन में 2 हज़ार से अधिक विधवाएं होली खेलकर बनाएंगी विश्व रिकॉर्ड


विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी

परंपरागत रूप से विधवाएं नहीं खेलती होली

ब्यूरो, लखनऊ। यूं तो मथुरा-वृंदावन की होली वैसे भी विश्व प्रसिद्ध है। योगी सरकार के प्रयासों से यहां दो हजार से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलकर अनूठा विश्व रिकार्ड बनाएंगी। इस बार होली का त्योहार न केवल विधवाओं की बेरंग जिंदगी में खुशियों का रंग घोलने का माध्यम बनेगा बल्कि इतिहास व विश्व रिकार्ड में दर्ज होने के साथ ही समाज में सशक्त संदेश देने का माध्यम भी बनेगा। ‘विधवाओं की होली’ एक अनूठा सांस्कृतिक उत्सव है।

वृंदावन के सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग होली पर ‘विधवाओं की होली-2025’ के तौर पर इस कार्यक्रम का आयोजन कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने जा रहा है।इस बार यहां की होली केवल आनंद ही नहीं सामाजिक सौहार्द्र, सांस्कृतिक समरसता तथा सामाजिक परिवर्तन के सम्मानित क्षण बनकर विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने जा रही है।

सरकार के प्रयासों से यहां दो हजार से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलकर अनूठा विश्व रिकार्ड बनाएंगी। वृंदावन के सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग होली पर ‘विधवाओं की होली-2025’ के तौर पर इस कार्यक्रम का आयोजन कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने जा रहा है।

इस बार होली का त्योहार न केवल विधवाओं की बेरंग जिंदगी में खुशियों का रंग घोलने का माध्यम बनेगा बल्कि इतिहास व विश्व रिकार्ड में दर्ज होने के साथ ही समाज में सशक्त संदेश देने का माध्यम भी बनेगा। ‘विधवाओं की होली’ एक अनूठा सांस्कृतिक उत्सव है।

परंपरागत रूप से, भारत में विधवाओं से होली जैसे त्योहारों सहित सांसारिक सुखों को त्यागने की अपेक्षा की जाती थी, लेकिन भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम से जुड़े शहर वृंदावन में यह एक क्रांतिकारी बदलाव के तौर पर देखा जाता है। वृंदावन में विधवाओं की होली एक सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन है जो सदियों पुरानी वर्जनाओं को तोड़ता है। विधवाओं को मुख्यधारा के समारोहों में शामिल करने के प्रयास के रूप में शुरू किया गया है।

यूं तो हर वर्ष वृंदावन के विभिन्न आश्रमों से हजारों विधवाएं होली पर खुद को जीवंत रंगों, संगीत और भक्ति में सराबोर कर लेती हैं। इस आयोजन ने सामाजिक परिवर्तन, सम्मान व प्रसन्नता के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है। अब सरकार ने इसे विश्व रिकार्ड से जोड़ने की तैयारी कर ली है। इस समारोह में पारंपरिक लोक गायन, लोक नृत्य, भक्ति गीत जैसी प्रस्तुतियां भी होंगी। आयोजन में आर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल होगा। इस आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए एक विशिष्ट टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


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